नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के हालिया बयान पर ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने प्रतिक्रिया दी है।
मौलाना साजिद रशीदी ने आईएएनएस से कहा, "सवाल अच्छा था, जवाब भी ठीक था, मैं उसकी सराहना करता हूं। लेकिन, एक चिंता और है, जिसका जिक्र नहीं हुआ। आजकल कुछ हिंदू भी बुर्का पहनकर वोट डालने पहुंच जाते हैं। गिरिराज सिंह को यह भी कहना चाहिए था कि फर्जी वोटिंग रोकने के लिए बुर्का पहनकर आने वाले सभी लोगों (चाहे वे भाजपा समर्थक हों या किसी और पार्टी के) को अपना चेहरा दिखाना चाहिए ताकि पहचान की सही तरीके से जांच हो सके।"
उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है और फर्जी मतदान इस पूरी प्रक्रिया को कमजोर करता है। पहचान सत्यापन के समय बिना किसी धार्मिक भेदभाव के सभी के लिए एक जैसी व्यवस्था होना जरूरी है।
मौलाना ने साफ कहा कि बुर्का किसी समुदाय की पहचान या धार्मिक प्रतीक है, लेकिन जब बात मतदान केंद्र की आती है, तो सुरक्षा और पहचान की पुष्टि सबसे ऊपर रखी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसी भी पोशाक या वेशभूषा का उपयोग पहचान छिपाने और फर्जी वोटिंग के लिए नहीं होना चाहिए। अगर मतदान अधिकारी को शक हो या पहचान की जरूरत पड़े, तो बुर्का पहनकर आने वालों को (चाहे वे किसी भी धर्म या पार्टी से हों) चेहरा दिखाना चाहिए। यह बिल्कुल सामान्य प्रक्रिया होनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने वोट देने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चुनाव आयोग ने हर बूथ पर आंगनबाड़ी सेविका की तैनाती की है ताकि अगर किसी को लगे कि बुर्के में कोई संदिग्ध व्यक्ति फर्जी वोट डाल रहा है, तो उसकी पहचान की पुष्टि हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि इसे धर्म से जोड़कर ना देखा जाए, क्योंकि यह पाकिस्तान नहीं है, जहां शरिया कानून चलता है। तेजस्वी यादव का राज जीवन में आएगा नहीं, जो यहां शरिया कानून लागू हो जाएगा।
--आईएएनएस
