ठाणे, 22 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के ठाणे के राबोडी में रहने वाले दो साल के मासूम हमदान मोहम्मद की जान चमत्कारिक रूप से बच गई। बुधवार शाम को वह 25 फुट गहरे सीवर में गिर गया था। समय पर मदद और डिप्टी चीफ मिनिस्टर एकनाथ शिंदे के त्वरित हस्तक्षेप से बच्चे की जान बच सकी। डिप्टी सीएम शिंदे ठाणे के जुपिटर अस्पताल पहुंचे और हमदान से खुद मिले। उन्होंने बच्चे की सेहत का हाल जाना और उसके माता-पिता से भी बात की।
यह घटना बुधवार शाम की है। हमदान अपनी नानी के साथ घर लौट रहा था। ठाणे के ध्यान साधना कॉलेज के पास बने अंडरपास के पास उसके पिता गफूर मोहम्मद (जो रिक्शा चलाते हैं) ने उसे बुलाया। खुशी में नानी का हाथ छोड़कर पिता की ओर दौड़ते हुए हमदान का पैर मैनहोल के ढक्कन पर रखे पाइप पर पड़ा और वह सीधे 25 फुट गहरे सीवर में जा गिरा।
आस-पास के लोगों ने शोर मचाया। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत शिवसेना के पूर्व नगरसेवक विकास रेपाले और पूर्व नगरसेविका नम्रता भोसले-जाधव को खबर की। दोनों नेता तुरंत मौके पर पहुंचे और डिजास्टर मैनेजमेंट टीम को सूचना दी। बच्चे को बाहर निकाला गया, लेकिन सीवर का गंदा पानी मुंह-नाक में चला जाने और दम घुटने से उसकी हालत बेहद गंभीर थी। उसे पहले ठाणे सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत बिगड़ती देख विकास रेपाले और नम्रता जाधव ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को फोन किया।
शिंदे ने एक मिनट भी गंवाए बिना बच्चे को जुपिटर अस्पताल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने खुद अस्पताल के डॉक्टरों से फोन पर बात की और बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश करने को कहा। डॉक्टरों की मेहनत और बेहतर इलाज से हमदान की जान बच गई। उसे निमोनिया हो गया था, जो अब पूरी तरह कंट्रोल में है और बच्चा खतरे से बाहर है।
इसके बाद डिप्टी सीएम शिंदे अस्पताल पहुंचे। उन्होंने हमदान के सिर पर प्यार से हाथ फेरा, उसके मां-बाप से बात की और डॉक्टर्स से इलाज की पूरी जानकारी ली। हमदान के माता-पिता की आंखें नम थीं। उन्होंने हाथ जोड़कर शिंदे को धन्यवाद दिया और कहा, “आपने हमारे बच्चे को नई जिंदगी दी।”
हमदान के पिता गफूर ने कहा, “मेरे बच्चे को भगवान और शिंदे साहब ने बचाया।” मां ने भी रोते हुए शिंदे के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। बच्चे के माता-पिता ने विकास रेपाले और नम्रता भोसले-जाधव को भी दिल से शुक्रिया कहा कि उन्होंने सही समय पर डिप्टी सीएम तक बात पहुंचाई।
डिप्टी सीएम शिंदे ने कहा, “इंसानियत का तकाजा था कि हम मदद करें। किसी का बच्चा मुसीबत में हो तो उसे बचाना हमारा फर्ज है। शिवसेना हमेशा जनता के साथ खड़ी रहती है।” उन्होंने अस्पताल का पूरा बिल माफ करने के भी निर्देश दिए।
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