नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने सोमवार को एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) स्वयं काशी और मथुरा को लेकर कोई आंदोलन नहीं करेगा, लेकिन स्वयंसेवक इस दिशा में आंदोलन कर सकते हैं। हाल ही में संपन्न तीन दिवसीय कार्यक्रम में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने यह स्पष्ट किया।
नायर ने कहा कि अयोध्या, काशी और मथुरा हिंदू समाज के लिए आस्था के प्रमुख केंद्र हैं, जिनसे देश-विदेश के करोड़ों हिंदू भावनात्मक रूप से जुड़े हैं।
उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे हठधर्मिता छोड़कर काशी और मथुरा को हिंदुओं को सौंप दें, ताकि अनावश्यक संघर्ष से बचा जा सके। यदि इस मुद्दे पर संघर्ष हुआ तो इसकी जिम्मेदारी मुस्लिम समाज और उसके नेताओं की होगी।
नायर ने भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताते हुए कहा कि यहां मर्यादा का पालन अत्यंत आवश्यक है। लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। चुनाव के दौरान वैचारिक मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन ये केवल विचारों तक सीमित रहने चाहिए। हिंसा का उपयोग या उसका समर्थन करना अत्यंत निंदनीय है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि हिंसा को बढ़ावा देने वाले गैर-जिम्मेदार तत्वों को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर दंड दिया जाए। साथ ही, उन्होंने न्यायालय से इस मामले में संज्ञान लेकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने की अपील की।
उन्होंने पश्चिम बंगाल में भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर भी अपनी राय रखी। श्रीराज नायर ने कहा कि बंगाल की भाषा बंगला है और वहां रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इस भाषा का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे महाराष्ट्र में मराठी का सम्मान किया जाता है, वैसे ही बंगाल में बंगला का आदर होना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि देश की सभी भाषाएं राष्ट्रभाषाएं हैं और इन्हें विवाद का कारण बनाना उचित नहीं है।
उन्होंने सुझाव दिया कि स्थानीय लोगों को बंगला सीखने का प्रयास करना चाहिए, लेकिन यदि कोई व्यक्ति भाषा नहीं जानता, तो इस आधार पर हिंसा या हाथापाई करना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को सम्मान देना हर नागरिक का कर्तव्य है।
उन्होंने समाज के सभी वर्गों से एकता और शांति बनाए रखने की अपील की ताकि देश प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे।
--आईएएनएस
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