नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने रविवार को कांग्रेस के 'वोट चोरी' और चुनावों में गड़बड़ी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि दस्तावेजों से परे, हमने चुनाव आयोग का घमंड और एक खास पार्टी की तरफ उसका साफ झुकाव देखा है।
दिल्ली में रविवार को 'वोट चोरी' के मुद्दे पर कांग्रेस की एक बड़ी रैली होने जा रही है। इस पर समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए राजद सांसद मनोज झा ने कहा, "चुनाव में धांधली और वोट चोरी के आरोपों को बड़े नजरिए से देखना चाहिए। मैं एक छोटा सा उदाहरण दूंगा। दस्तावेजों से परे, हमने चुनाव आयोग का घमंड और एक खास पार्टी की तरफ उसका साफ झुकाव देखा है।"
उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि अक्टूबर में मैंने चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसका कोई जवाब नहीं मिला। पहले भी निर्वाचन आयोग ने चुनावों के मद्देनजर डायरेक्ट वित्तीय लेनदेन को रोका था, लेकिन हमारी बात को नहीं सुना गया। मनोज झा ने कहा, "सबसे अहम बात यह है कि लेवल प्लेइंग फील्ड खत्म हो गया है। इसलिए, इस पूरे मामले की पूरी तरह से जांच करने की जरूरत है। मेरा मानना है कि आज रामलीला मैदान में रैली के बाद इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाया जाएगा।"
इसी बीच, राजद सांसद मनोज झा ने 'मनरेगा' योजना का नाम बदलकर 'पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना' किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मैंने इतनी छोटी सोच और समझ की इतनी कमी कभी नहीं देखी।"
मनोज झा ने कहा, "एक मनरेगा संघर्ष समिति है जिसने बार-बार सवाल उठाए हैं कि काम के दिन और मैन-डे कैसे बढ़ाए जाएं, पूरे भारत में बेहतर मजदूरी कैसे सुनिश्चित की जाए और शहरी सेक्टर में भी ऐसे ही कदम कैसे उठाए जाएं। ये सरकार के सामने चुनौतियां और सवाल थे। इसके बजाय सरकार ने नाम बदला है। उसने महात्मा गांधी का नाम बदलकर दूसरा नाम रख दिया, जिसे पूज्य बापू कहा जा रहा है, जो सही नहीं लगता।"
--आईएएनएस
