नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल(राजद) सांसद मनोज झा ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी के लालकिले से 12वें संबोधन पर तंज कसते हुए कहा कि इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करना ठीक नहीं था। स्वतंत्रता दिवस और लालकिले का प्राचीर इसके लिए नहीं था।
राजद सांसद मनोज झा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि इस दिन का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के लालकिले से 12वें संबोधन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हर साल लोग उत्सुकता से देखते हैं कि पीएम मोदी अपने भाषण में क्या संदेश देंगे। लेकिन, जिस तरह का भाषण उन्होंने दिया है, मुझे लगता है कि यह अवसर उसके लिए ठीक नहीं था।
पीएम मोदी को पूर्व प्रधानमंत्रियों के भाषणों को सुनना चाहिए ताकि उन्हें सही दिशा मिले।
उन्होंने कहा कि देश को एक विशाल हृदय वाले पीएम की जरूरत है, न कि संकीर्ण सोच वाले। पीएम के रूप में मोदी को चुनावी दायरे से ऊपर उठकर व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, ताकि देश को सही नेतृत्व मिले।
राजद सांसद ने पीएम मोदी के उस बयान पर भी पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत के किसान, पशुपालक, और मछुआरे हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं। भारत के किसान, पशुपालक, और मछुआरों से जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के आगे मोदी दीवार बनकर खड़े हैं। भारत, अपने किसानों, पशुपालकों, और मछुआरों के संबंध में कभी भी कोई समझौता नहीं स्वीकार करेगा।
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि अगर पीएम मोदी को किसानों की चिंता होती तो वह कृषि कानून नहीं लाते, और बिना चर्चा के उस बिल को सदन में पास नहीं कराया जाता। किसानों के विरोध के बाद फिर इसे वापस लिया गया।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कैसे कह सकते हैं कि वे किसानों के हित के बारे में सोचते हैं।
राजद सांसद मनोज झा ने पीएम नरेंद्र मोदी के जीएसटी सुधारों को दीपावली तोहफे के रूप में पेश करने वाले बयान पर कहा, "इसे बिहार चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। इसे ऐसा देखना चाहिए कि जीएसटी नीति सरकार की फेल रही है। अगर सरकार को जीएसटी में राहत देनी है, तो दीपावली तक इंतजार करने की जरूरत नहीं; इसे तुरंत लागू करना चाहिए।"
उन्होंने इस कदम को बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़ने की बात को खारिज करते हुए कहा कि बिहार ने पहले ही अपना फैसला कर लिया है और दावा किया कि एनडीए की सारी कोशिशें नाकाम होंगी।