मंगलुरु: कर्नाटक के मंगलुरु जिला स्थित स्थानीय कोर्ट ने धर्मस्थल केस के शिकायतकर्ता चिन्नैया को सोमवार को बड़ी राहत दी है। मास्क मैन नाम से सुर्खियों में आए इस शख्स को जमानत दे दी गई।
केस की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चिन्नैया को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एसआईटी के बेलथांगडी कोर्ट में अपनी रिपोर्ट जमा करने के तुरंत बाद, चिन्नैया ने बेल अर्जी दी। मंगलुरु जिला अदालत ने उसकी बेल अर्जी मंजूर कर ली।
कोर्ट ने 12 शर्तों के साथ जमानत दी, जिसमें 1 लाख रुपये का बॉन्ड भरना भी शामिल है।
एसआईटी ने चिन्नैया को—जिसे मास्क मैन कहा जाता है—23 अगस्त को कथित धर्मस्थल मर्डर केस के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
उसे केस के बारे में गलत जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी के अधिकारियों का कहना था कि 22 अगस्त से उससे 15 घंटे की पूछताछ के बाद हमने निष्कर्ष निकाला कि वह गुमराह कर रहा था।
11 जुलाई को एक बड़े घटनाक्रम में, चिन्नैया—जिसे तब एक अनजान शिकायतकर्ता के तौर पर जाना जाता था—मंगलुरु की एक कोर्ट में पेश हुआ और अपना बयान दर्ज कराया।
दावा किया कि उसे धर्मस्थल में रेप और मर्डर की गई महिलाओं और लड़कियों की लाशों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था।
आग्रह किया कि उनकी मौजूदगी में शव निकाले जाएं और आरोप लगाया कि पीड़ितों पर यौन उत्पीड़न के साफ निशान थे। उसके मुताबिक सभी शव निर्वस्त्र थे और हिंसक यौन उत्पीड़न के निशान साफ दिख रहे थे।
इन खुलासों से पूरे कर्नाटक में सनसनी फैल गई थी।
दावों के बाद, सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज और कई एक्टिविस्ट्स ने कथित धर्मस्थल मर्डर की सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की थी।
इसके अलावा, चिन्नैया (जिसे तब व्हिसलब्लोअर के नाम से जाना जाता था) ने कथित तौर पर एक खोपड़ी एसआईटी को सौंपी थी—जो कथित तौर पर एक कब्रिस्तान से मिली थी।
मास्क मैन को 'विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट' के तहत सुरक्षा दी गई और जरूरी सुविधाएं दी गई थीं। हालांकि, पुलिस सूत्र ने अब पुष्टि की है कि एक्ट के तहत उसे दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है।
--आईएएनएस
