ममता बनर्जी, कांग्रेस पर शिवसेना नेता शाइना एनसी का हमला, पूछा - 'चुनाव आयोग का विरोध क्यों'

मुंबई, 27 जून ( आईएएनएस)। शिवसेना नेता शाइना एनसी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में चुनाव आयोग की मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया का विरोध करने पर सवाल उठाए।

शाइना ने कहा कि ममता बनर्जी और राहुल गांधी जैसे नेता इस प्रक्रिया को एनआरसी से जोड़कर भ्रामक अफवाहें फैला रहे हैं, जो उनकी तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जो मतदाता सूची की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का काम कर रही है। इस प्रक्रिया में घर-घर जाकर मतदाताओं की नागरिकता और पात्रता की जांच की जा रही है, ताकि डुप्लिकेशन और फर्जी मतदान को रोका जा सके।

उन्होंने सवाल उठाया, "कांग्रेस और ममता बनर्जी को इस पुनरीक्षण प्रक्रिया से क्या आपत्ति है? यह तो स्वागत योग्य कदम है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल भारतीय नागरिक ही मतदान करें।"

शाइना एन.सी. ने ममता बनर्जी के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने इस प्रक्रिया को एनआरसी से अधिक खतरनाक बताया। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी सिर्फ अफवाह फैलाकर अपनी वोट बैंक की राजनीति को मजबूत करना चाहती हैं। लेकिन जनता समझ रही है कि यह प्रक्रिया देश के हित में है।"

उन्होंने दावा किया कि इस बार पश्चिम बंगाल में 'खेला' नहीं, बल्कि बदलाव देखने को मिलेगा और यह बदलाव पूरे देश में एनडीए सरकार के पक्ष में होगा।

इसके अलावा, बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर कांग्रेस के विरोध को लेकर भी शिवसेना नेता ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल जैसे राजद और भाकपा (माले), इस प्रक्रिया को सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग बता रहे हैं। लेकिन, यह प्रक्रिया कमजोर वर्गों, जैसे गरीब, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों को मतदाता सूची से हटाने की साजिश नहीं है, जैसा कि विपक्ष दावा कर रहा है।

शाइना ने कहा, "यह एक पुनरीक्षण प्रक्रिया है, जो यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी अवैध मतदाता या बोगस वोटिंग न हो। कांग्रेस को इस पर आपत्ति क्यों है? क्या वह सच्चाई सामने आने से डर रही है?"

उन्होंने महाराष्ट्र में तीन भाषा नीति को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों भाई बीएमसी चुनावों को देखते हुए भाषा के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि महायुति सरकार ने स्पष्ट किया है कि मराठी भाषा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और कोई भी नीति जबरन लागू नहीं की जाएगी। हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तीन भाषा नीति पर आपत्ति दर्ज की है। मराठी हमारी मातृभाषा है और इसे हमेशा प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार सभी हितधारकों से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ नेता हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, भारत की ताकत उसकी विविधता में है।

उन्होंने कहा, "बच्चे संस्कृत, हिंदी या कोई भी भाषा सीख सकते हैं। लेकिन, हमारी मातृभाषा मराठी को हमेशा सम्मान मिलेगा। हम 'भारत माता की जय' के साथ 'जय महाराष्ट्र' भी कहेंगे।"

शाइना एन.सी. ने अरविंद केजरीवाल पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए।

उन्होंने कहा कि एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने आप के दो मंत्रियों, सौरभ भारद्वाज और आतिशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह जांच से स्पष्ट होगा कि सार्वजनिक धन का दुरुपयोग, बजट में हेरफेर और निजी ठेकेदारों के साथ अनुचित गठजोड़ हुआ है या नहीं। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।

शिवसेना नेता ने 1975 के आपातकाल का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 42वें संविधान संशोधन के जरिए 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों को संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया, लेकिन यह कांग्रेस की छद्म धर्मनिरपेक्षता को दर्शाता है। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस को आपातकाल के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

--आईएएनएस

एसएचके/एकेजे

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