नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को सचिवालय में सामाजिक कल्याण विभाग और अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति और प्रभावशीलता की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि पुनर्वास, कौशल विकास, शैक्षिक सहायता और अन्य सामाजिक सेवाओं के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए चल रही आर्थिक सहायता योजना का जिक्र किया, जिसके तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के अनुसूचित जाति/जनजाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बुजुर्गों को 2,000 से 2,500 रुपए की मासिक सहायता दी जाती है। इस योजना से अब तक चार लाख से अधिक बुजुर्ग लाभान्वित हो चुके हैं, जिसका उद्देश्य उन्हें सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगों के लिए सहायता योजना (पीडब्ल्यूडी) की भी जानकारी दी, जिसके तहत गंभीर रूप से अक्षम और आत्मनिर्भर न हो सकने वाले व्यक्तियों को 2,500 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना से 1.34 लाख दिव्यांगों को लाभ मिला है।
इसके अतिरिक्त, दिल्ली पारिवारिक लाभ योजना (डीएफबीएस) के तहत उन परिवारों को 20,000 रुपए की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाती है, जिन्होंने अपने मुख्य कमाने वाले सदस्य को खो दिया हो। इस योजना से लगभग 1,100 आश्रितों को मदद मिली है, जिससे वे आर्थिक संकट से उबर सकें।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्माइल योजना पर भी जोर दिया, जिसका उद्देश्य भिक्षावृत्ति में लगे लोगों का पुनर्वास करना है। इस योजना के तहत उन्हें आश्रय, चिकित्सा, परामर्श, कौशल प्रशिक्षण और आजीविका के अवसर प्रदान किए जाते हैं ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने दिव्यांगता प्रमाणन में देरी, भिक्षुओं के पुनर्वास और लाभार्थी डेटा के डिजिटलीकरण जैसे मुद्दों का शीघ्र समाधान करने और बेहतर समन्वय के लिए स्पष्ट कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछली सरकार पर वंचित वर्गों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार ऐसी अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में विधवा पेंशन योजनाओं में गड़बड़ियां पाई गई थीं, जहां अपात्र लोगों को भी लाभ दिया गया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार केवल पात्र व्यक्तियों को ही लाभ सुनिश्चित करेगी और अपात्रों को योजनाओं से बाहर किया जाएगा। हमारा लक्ष्य एक मजबूत, समावेशी और संवेदनशील सहायता प्रणाली स्थापित करना है, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे।
--आईएएनएस
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