नागपुर: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को विपक्ष के इस दावे का खंडन किया कि राज्य सरकार ने बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों की उपेक्षा की है।
उन्होंने विपक्ष के इस आरोप का भी जवाब दिया कि राज्य दिवालियापन की ओर बढ़ रहा है और कहा कि महाराष्ट्र उन बड़े राज्यों में से है, जिनकी अर्थव्यवस्था प्रमुख मापदंडों के भीतर अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
मुख्यमंत्री सोमवार से शुरू हो रहे एक सप्ताह के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर हुई कैबिनेट बैठक और पारंपरिक टी पार्टी के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि 92 प्रतिशत यानी लगभग 90 लाख किसानों को पहले ही वित्तीय सहायता मिल चुकी है, जबकि केवाईसी संबंधी समस्याओं वाले 12 लाख किसानों को जल्द ही सरकारी सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि विपक्ष, जिसने पारंपरिक टी पार्टी में हिस्सा नहीं लिया, उसे किसानों के मुद्दों पर राज्य सरकार पर आरोप लगाने से पहले ठीक से अध्ययन करना चाहिए था। राज्य सरकार महाराष्ट्र में बाढ़ से प्रभावित 10,000 किसानों को पहले ही वित्तीय सहायता वितरित कर चुकी है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार विपक्ष द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
सीएम ने 8-14 दिसंबर तक होने वाले महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की छोटी अवधि को भी सही ठहराया। उन्होंने कहा कि इसे इस सप्ताह की शुरुआत में हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठकों में अंतिम रूप दिया गया था, जिसका मुख्य कारण राज्य में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता होना था।
सीएम फडणवीस ने राज्य विधानसभा और परिषद में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति में देरी के संबंध में विपक्ष के आरोपों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य विधान परिषद के सभापति और विधानसभा अध्यक्ष फैसला लेंगे, जो सरकार को स्वीकार्य होगा।
उन्होंने दावा किया, "विपक्ष दिशाहीन है और उनमें मुद्दों को आगे बढ़ाने की इच्छाशक्ति का अभाव है। विपक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस निराशा से भरी हुई थी।"
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें न्यायपालिका, चुनाव आयोग, पीठासीन अधिकारियों और सभी संवैधानिक संगठनों पर कोई भरोसा नहीं है। वे उनकी आलोचना करने में व्यस्त हैं।
सीएम ने कहा कि सरकार राज्य विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान 18 विधेयक पेश करेगी। उन्होंने साफ किया कि डिप्टी सीएम अजित पवार कैबिनेट मीटिंग के लिए नागपुर नहीं आ सके। वह एविएशन से जुड़ी दिक्कतों के कारण राज्य में नहीं पहुंच सके।
उन्होंने यह भी कहा कि डिप्टी सीएम 8 दिसंबर से शुरू होने वाले आगामी शीतकालीन सत्र में मौजूद रहेंगे।
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार विदर्भ के मुद्दों पर पूरा न्याय करेगी। विपक्ष पूरी तरह से बिखरा हुआ है। वे राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद पाने के लिए भी पर्याप्त ताकत नहीं जुटा पाए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि 264 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनावों में सत्ताधारी महायुति को लगभग 70 से 75 सीटें मिलेंगी।
--आईएएनएस
