ग्वालियर: मध्य प्रदेश में ग्वालियर के गिरगांव में एक ऐसा मंदिर है, जिसे शिव मंदिर नहीं, बल्कि 'मजिस्ट्रेट महादेव' के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर भिंड रोड पर स्थित है और इसकी ख्याति सिर्फ गिरगांव या ग्वालियर तक ही सीमित नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों में भी फैली हुई है।
भक्तों का कहना है कि मजिस्ट्रेट महादेव के सामने खड़े होते ही बड़े से बड़े विवाद पल भर में सुलझ जाते हैं। झूठ बोलने का साहस किसी में नहीं होता और जो भी झूठ बोलने की कोशिश करता है, उसे उसकी सजा जीवन में जरूर मिलती है।
माना जाता है कि यह मंदिर लगभग एक हजार साल पुराना है। मंदिर में भगवान शिव की पिंडी के साथ पूरा शिव परिवार विराजमान है। लंबे समय तक यह मंदिर सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र रहा, लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने महसूस किया कि महादेव के सामने खड़े होकर न्याय की उम्मीद भी की जा सकती है।
सबसे पहले भैंस चोरी जैसे छोटे मामलों के लिए लोग यहां आते थे, क्योंकि उस समय अंचल में भैंस चोरी की घटनाएं बहुत आम थीं। लेकिन, समय के साथ-साथ यह पैसों, जमीन-जायदाद और अन्य विवादों के लिए भी जाना जाने लगा।
गिरगांव महादेव की विशेषता यह है कि यहां न्यायालयों की तरह लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती। जैसे ही कोई विवाद वादी-प्रतिवादी के साथ महादेव के सामने आता है, भगवान शिव अपनी उपस्थिति और आस्था के माध्यम से फैसला सुनाते हैं। कोई झूठ नहीं बोल सकता और झूठ बोलने वालों की सजा अक्सर उनके जीवन में मिलती है। यही कारण है कि लोग महादेव को सिर्फ भगवान के रूप में नहीं, बल्कि एक अंतिम मजिस्ट्रेट के रूप में भी मानते हैं।
भक्तों का मानना है कि महादेव की यह कचहरी केवल विवाद सुलझाने का स्थान नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में नैतिकता और सच्चाई बनाए रखने का माध्यम भी है। यह मंदिर और इसकी कचहरी उस समय के लिए भी प्रेरणा है, जब न्यायालय लंबी प्रक्रियाओं और कानूनी जटिलताओं में उलझ जाता है। यहां की आस्था, श्रद्धा और विश्वास का असर इतना गहरा है कि लोग महादेव के सामने खड़े होकर विवादों के हल की उम्मीद करते हैं।
गिरगांव महादेव का यह मंदिर इसलिए भी खास है कि यह सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि न्याय और सच्चाई का प्रतीक भी बन चुका है। यह दिखाता है कि आस्था और विश्वास से भी न्याय की राह आसान हो सकती है। जो भी व्यक्ति महादेव के सामने खड़ा होता है, वह अपने दिल में सच्चाई लेकर आता है और महादेव के फैसले से उसे न केवल समाधान मिलता है, बल्कि जीवन में नैतिक संतुलन भी स्थापित होता है।
--आईएएनएस
