कोलकाता: 54वें विजय दिवस के उपलक्ष्य में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में शानदार बाइक रैली का आयोजन किया गया है। इस बाइक रैली में भारतीय सेना के जवानों, पूर्व सैनिकों और आम नागरिकों ने हिस्सा लिया। इस रैली के जरिए 1971 के युद्ध के नायकों और शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
विजय दिवस 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना पर भारत की ऐतिहासिक विजय और उसके परिणामस्वरूप तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से बांग्लादेश के निर्माण का प्रतीक है। यह दिवस हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है। इससे पहले रविवार को कोलकाता में 'राइड फॉर वेलोर- 1971 के युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि' नाम से शानदार बाइक रैली का आयोजन हुआ। इसका नेतृत्व पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी ने किया।
रैली में कुल 142 बाइकर्स ने हिस्सा लिया, जिनमें भारतीय सेना के मौजूदा जवान, पूर्व सैनिक और आम नागरिक थे। रैली में शामिल एक महिला बाइकर झूमा बनर्जी ने कहा, "यहां सभी लोग हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें भारतीय सेना के सदस्य भी शामिल हैं। विजय दिवस में हिस्सा लेकर, हम भारतीय सेना के साथ इस दिन को मना रहे हैं और उनकी सेवा का सम्मान कर रहे हैं।"
इस मौके पर, एनफील्ड टाइगर्स मोटरसाइकिल क्लब के अध्यक्ष अरिजीत भट्टाचार्य ने कहा, "एक बार फिर भारतीय सेना के साथ जुड़ना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैंने भारतीय सेना, बीआरओ और बीएसएफ के साथ कई राइड्स की हैं। इसी साल जनवरी में मैंने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से भारत-पाकिस्तान बॉर्डर तक 5,000 किमी की राइड की थी।"
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 का युद्ध 3 दिसंबर को शुरू हुआ और 13 दिनों तक चला। यह युद्ध तब के पूर्वी पाकिस्तान में मानवीय संकट के कारण शुरू हुआ था। पाकिस्तानी सेना ने उस इलाके की आम जनता के खिलाफ एक अभियान चलाया था। भारत ने लड़ाई में लोगों का साथ देने के लिए दखल दिया।
16 दिसंबर 1971 को, पाकिस्तानी सेना के कमांडर जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने भारतीय सेना के सामने औपचारिक रूप से सरेंडर कर दिया। करीब 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया था, जो दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा मिलिट्री सरेंडर था। इस जीत से न सिर्फ बांग्लादेश का जन्म हुआ, बल्कि भारत एक क्षेत्रीय शक्ति के रूप में भी स्थापित हुआ।
--आईएएनएस
