Kishtwar Cloudburst Tragedy: किश्तवाड़ में प्राकृतिक आपदा पर कांग्रेस नेताओं ने जताई संवेदना, बचाव कार्य तेज करने की मांग

कांग्रेस नेताओं ने किश्तवाड़ आपदा पीड़ितों से संवेदना जताई, त्वरित राहत की अपील।
जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ में प्राकृतिक आपदा पर कांग्रेस नेताओं ने जताई संवेदना, बचाव कार्य तेज करने की मांग

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की दुखद घटना ने क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में कई लोगों के हताहत होने और संपत्ति के नुकसान की खबरों के बीच जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेताओं ने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और प्रशासन से त्वरित बचाव कार्य की मांग की है।

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रमन भल्ला ने घटना पर दुख जताते हुए कहा, "हम उन लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। इस मुश्किल घड़ी में हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। यही कारण है कि मैं आज वहां गया। कांग्रेस पार्टी पीड़ितों के साथ हर कदम पर खड़ी है और उनकी हरसंभव मदद करेगी।"

भल्ला ने किश्तवाड़ का दौरा कर प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं।

उन्होंने प्रशासन से मांग की कि राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए ताकि पीड़ितों को तुरंत सहायता मिल सके।

वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम मोहम्मद सरूरी ने भी घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का आकलन किया। उन्होंने कहा, "हमारी पूरी टीम यहां आई और हमने प्रशासन से कहा कि बचाव कार्य जल्दी पूरा किया जाना चाहिए। प्रभावित लोगों को तत्काल राहत और पुनर्वास की जरूरत है।"

सरूरी ने जोर देकर कहा कि इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक उपाय किए जाने चाहिए, जिसमें बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और आपदा प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था शामिल है।

किश्तवाड़ में बादल फटने से कई गांव प्रभावित हुए हैं, जहां घर, सड़कें और अन्य संपत्तियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें राहत कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बचाव कार्यों में बाधा आ रही है।

कांग्रेस नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत सामग्री, चिकित्सा सुविधाएं और पुनर्वास योजनाएं लागू की जाएं।

 

 

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