Kiren Rijiju On Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से 10 मिनट पहले शर्तें लाना ठीक नहीं : किरेन रिजिजू

रिजिजू बोले—विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से भाग रहा, संसद को शर्तों पर नहीं चलाया जा सकता
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से 10 मिनट पहले शर्तें लाना ठीक नहीं : किरेन रिजिजू

नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को एक बार फिर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। दोपहर 12 बजे सदन में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चर्चा होनी थी, लेकिन विपक्षी दलों ने संसद की कार्यवाही शुरू होते ही जमकर नारेबाजी की और हंगामा काटा, जिसके बाद संसद की कार्यवाही को 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। वहीं ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होने से पहले ही लोकसभा स्थगित होने पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया।

उन्होंने कहा कि आज सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करेंगे। 16 घंटे का समय दिया गया था, ऐसे में अचानक चर्चा से 10 मिनट पहले शर्तें लाना ठीक नहीं है। किरेन रिजिजू ने विपक्ष से सवाल किया कि आखिर वह ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं?

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से बातचीत में कहा, "सदन में सब तैयार थे, सभी दलों का मत था कि आज ऑपरेशन सिंदूर पर 12:15 बजे चर्चा शुरू होनी थी, उससे 10 मिनट पहले विपक्षी दलों ने एक नया मुद्दा उठाया कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले सरकार एक लाइन ऑफ कमिटमेंट दे कि इसके बाद एसआईपर चर्चा होगी, संसद ऐसे नहीं चलती। सदन में एक-दूसरे की बात सुनकर और फिर बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक करके फैसला लिया जाता है, जब ये तय हुआ था कि आज सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करेंगे और 16 घंटे का समय दिया गया था, तो अचानक चर्चा से 10 मिनट पहले शर्तें लाना ठीक नहीं है। कांग्रेस और विपक्षी दल अब ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? आपने दो महीने पहले ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की। हमने पहले दिन से ही कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार है। अब आप ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से भागने के लिए रास्ता ढ़ूंढ रहे है ये ठीक नहीं है।"

उन्होंने कहा, "कुछ देर पहले विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर से चर्चा से भागने का नाटक किया है, वह ठीक नहीं है। जब संसद दोबारा शुरू होगी तो जो शर्तें लेकर वे आए हैं वह नहीं चलेंगी। (ऑपरेशन सिंदूर) पर रक्षा मंत्री शुरुआत में प्रस्ताव रखेंगे और जब रक्षा मंत्री चर्चा शुरू करें तो उनकी बात सुनें और विपक्षी दल पाकिस्तान की भाषा न बोलें। हमारे सेना का मनोबल गिराने वाली बात न करें।"

 

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