नई दिल्ली: खालिस्तानी समर्थक और आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारतीय सेना में शामिल सिख सैनिकों से अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध करता है तो वे देश के लिए न लड़ें। इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तान को दोस्त बताते हुए भारत के खिलाफ लड़ने के खिलाफ आवाज उठाई। इस संदेश को लेकर पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ा है और राष्ट्रों की ध्यानाकर्षण कार्यवाही को भी जोर दिया गया है। पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत ज्यादा है। पाकिस्तान के कई मंत्रियों ने भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई के आसारों का दावा किया है। इसके चलते पाकिस्तानी शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है। राजनीतिक वातावरण में और भी गर्माहट बढ़ गई है और पहलगाम हमले की घटना को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों को साहसिक जवाब देने के लिए कड़ा इशारा किया है। हालांकि, गुरपतवंत सिंह पन्नू के दावों ने उनकी कड़ी करवाई का समर्थन नहीं किया है। उनके द्वारा की गई बयानों के बाद, भारतीय सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया देने का कोई प्लानर नकारा है। 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा की शाखा, द रेजिस्टेंस फ्रंट को लिया गया था। जब भारत ने तैयारियां तेज की, तो संगठन ने इससे इनकार किया। एक गहरी जाँच चल रही है कि इस हमले में कौन शामिल था और उसका असली मकसद क्या था। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती हुई तनावमय स्थिति ने राष्ट्रों को चिंतन कराने वाली मुद्दे को उजागर किया है। सोशल मीडिया और न्यूज़ मीडिया पर भी इस विवाद विषय के बारे में चर्चा हो रही है।