Mansukh Mandaviya Youth March: 3000 लोगों संग केंद्रीय मंत्री मांडविया ने की पद यात्रा, बोले- सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को नमन

कारगिल विजय दिवस पर द्रास में पदयात्रा, केंद्रीय मंत्री मांडविया ने शहीदों को नमन किया।
कारगिल विजय दिवस: 3000 लोगों संग केंद्रीय मंत्री मांडविया ने की पद यात्रा, बोले- सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को नमन

द्रास:  कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया द्रास में हैं। उन्होंने 'कारगिल विजय दिवस पदयात्रा' का नेतृत्व किया। इसका आयोजन युवा मामले और खेल मंत्रालय ने किया है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने पदयात्रा में भाग लिया और कारगिल विजय दिवस 2025 पर 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए सैन्य कर्मियों की वीरता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, "26वें कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में माय भारत के 3000 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पदयात्रा के जरिए देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुझे खुशी है कि देश के युवा विकसित भारत बनाने के लिए, अपना दायित्व अदा करने के लिए और शहीदों के प्रति अपना भाव व्यक्त करने के लिए ऐसी पदयात्राओं द्वारा अपने कर्तव्य का निर्वाहन कर रहे हैं। मैं देश के सभी वीर जवानों को नमन करता हूं।"

मंडाविया के साथ केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, 3000 से अधिक युवा, सैन्यकर्मी, शहीदों के परिवार और नागरिक समाज के सदस्य भी शामिल हुए।

शुक्रवार को मंडाविया कारगिल स्थित सैंडो टॉप पहुंचे और जवानों से संवाद किया। उन्होंने इस मुलाकात का जिक्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट में भी किया। उन्होंने लिखा, "टाइगर हिल्स से तो सारा विश्व परिचित है, लेकिन द्रास, कारगिल में स्थित सैंडो टॉप एक ऐसी जगह है जहां भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान अपने अदम्य साहस का परिचय दिया था और दुश्मन को पराजित किया। मुझे यहां जाने और भारतीय सेना के जवानों के साथ संवाद करने का अवसर प्राप्त हुआ।"

बता दें, 1.5 किलोमीटर की यह पदयात्रा सुबह 7 बजे हिमाबस पब्लिक हाई स्कूल, द्रास के मैदान से शुरू होकर गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, भिमबेट के मैदान पर समाप्त हुई। पदयात्रा के बाद, केंद्रीय मंत्री ने 100 युवा वॉलंटियर्स के साथ कारगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

पदयात्रा के दौरान 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत वृक्षारोपण भी किया गया, जो देशभक्ति के साथ पर्यावरण संरक्षण और विकसित भारत 2047 के लिए सतत विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पदयात्रा से पहले क्षेत्र में युवाओं और स्थानीय समुदायों को जोड़ने के लिए निबंध लेखन, चित्रकला, वक्तृत्व प्रतियोगिताओं और युवा संवाद जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इन गतिविधियों का उद्देश्य नागरिक जागरूकता बढ़ाना, वीरता की कहानियों को प्रचारित करना और सशस्त्र बलों के साथ भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करना है। ये 'विकसित भारत पदयात्रा पहल' का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देना, नागरिक सहभागिता को गहरा करना और देशभर में स्मरणोत्सव और सहभागी कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं में एकता की भावना को मजबूत करना है।

 

 

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