करूर, 30 सितंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु पुलिस ने मंगलवार को लोकप्रिय यूट्यूबर फेलिक्स गेराल्ड को 27 सितंबर को करूर में तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) नेता विजय की चुनावी रैली में हुई भगदड़ के बारे में अपमानजनक और भ्रामक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है ।
इस रैली में कई महिलाओं और बच्चों सहित 41 लोगों की जान चली गई थी।
अधिकारियों ने कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि यूट्यूबर फेलिक्स गेराल्ड का हालिया वीडियो अशांति भड़का सकता है और गलत सूचना फैला सकता है।
इससे पहले, पुलिस ने चेतावनी दी थी कि भय पैदा करने वाली या सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने वाली सामग्री पोस्ट करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने जनता से गलत सूचना फैलाने से बचने और जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है।
टीवीके के वरिष्ठ पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की पुष्टि के कुछ घंटों बाद करूर टाउन पुलिस ने गेराल्ड को गिरफ्तार किया।
जिन लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं उनमें टीवीके के चुनाव अभियान प्रबंधन के महासचिव एन. आनंद उर्फ 'बुस्सी' आनंद, राज्य संयुक्त सचिव निर्मल कुमार और करूर पश्चिम जिला सचिव मथियाझगन शामिल हैं।
करूर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 1 में प्रस्तुत मामले में भारतीय दंड संहिता की पांच धाराओं का हवाला दिया गया है, जिनमें लापरवाही से मौत और जन सुरक्षा आदेशों की अवहेलना भी शामिल है।
मथियाझागन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है और करूर में एक विशेष पुलिस दल उनसे पूछताछ कर रहा है।
हादसे के बाद करूर पहुंचे मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने जवाबदेही सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा, "हमने सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में एक जांच आयोग गठित कर दिया है। यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो। शांति भंग करने वाली अफवाहें फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।"
वहीं विपक्षी अन्नाद्रमुक नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने द्रमुक सरकार के भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपायों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "प्रशासन निर्दोष लोगों की जान बचाने में विफल रहा। जांच पूरी तरह से पारदर्शी होनी चाहिए, दिखावा के लिए नहीं।"
टीवीके नेता विजय ने भगदड़ मामले पर गहरा दुख व्यक्त किया है। विजय ने कहा, "मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्हें अकल्पनीय क्षति हुई है। हम सभी जांचों में सहयोग करेंगे और पीड़ितों के लिए न्याय और राहत सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।"
उनकी पार्टी ने शोक संतप्त परिवारों को आर्थिक सहायता का भी वादा किया है। इस त्रासदी ने तमिलनाडु में राजनीतिक आयोजनों में सुरक्षा को लेकर बहस तेज कर दी है।
राज्य सरकार का कहना है कि वह भीड़ प्रबंधन और सार्वजनिक समारोहों के लिए सख्त दिशानिर्देशों पर काम कर रही है, जबकि विपक्षी नेता ऐसी भयावह चूकों को रोकने के लिए स्वतंत्र निगरानी और अधिक जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।
--आईएएनएस
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