कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को 'सुप्रीम' राहत, ईडी की याचिका खारिज

कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को 'सुप्रीम' राहत, ईडी की याचिका खारिज

नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सोमवार को सर्वोच्च अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।

दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती के खिलाफ ईडी का समन रद्द कर दिया था। इसी फैसले के खिलाफ ईडी सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की याचिका खारिज कर दी।

यह मामला मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (मुडा) के प्लॉट आवंटन से जुड़ा हुआ है। ईडी ने इस सिलसिले में पार्वती को पूछताछ के लिए समन भेजा था। हालांकि, पार्वती ने कर्नाटक हाईकोर्ट में इस समन को चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट ने उनकी दलीलें सुनने के बाद समन को रद्द कर दिया। पार्वती की ओर से कोर्ट में यह दलील दी गई थी कि उन्होंने मुडा से मिले सभी 14 प्लॉट स्वेच्छा से सरेंडर कर दिए हैं। इसके अलावा उनके पास न तो किसी प्रकार की अपराध से अर्जित संपत्ति है और न ही उन्होंने ऐसी किसी आय का उपभोग किया है।

हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए ईडी सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। लेकिन, अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और ईडी की याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद पार्वती को बड़ी राहत मिली है।

बता दें कि मुडा घोटाला मामला करीब पांच हजार करोड़ रुपए का है। इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। बताया जा रहा है कि सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन ने कुछ जमीन गिफ्ट के तौर पर दी थी। यह जमीन मैसूरु जिले के कैसारे गांव में स्थित है। बाद में इस जमीन को मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) ने अधिग्रहित कर लिया। इसके बदले पार्वती को विजयनगर इलाके में 38,223 वर्ग फीट के प्लॉट दे दिए गए।

आरोप है कि दक्षिण मैसूरु के प्रमुख इलाके में मौजूद विजयनगर के प्लॉट की कीमत कैसारे गांव की उनकी मूल जमीन से बहुत अधिक है। इसी को लेकर सिद्धारमैया भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे हैं।

--आईएएनएस

पीएसके

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