मुजफ्फरनगर: कांवड़ यात्रा से पहले 'नेमप्लेट' पर विवाद नहीं रुक रहा है। कुछ हिंदू संगठन कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने दुकानदारों को ग्राहक संतुष्टि फीडबैक प्रपत्र के साथ फूड सेफ्टी ऐप का क्यूआर कोड तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं। हालांकि स्वामी यशवीर महाराज इस फैसले से नाखुश हैं और उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
कांवड़ यात्रा की शुरुआत से पहले चर्चा में आए यशवीर महाराज ने 'अशुद्ध भोजन' परोसने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ा है। रविवार को स्वामी यशवीर महाराज ने एक वीडियो संदेश में उत्तर प्रदेश खाद्य विभाग के आदेश का विरोध किया। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश खाद्य विभाग ने प्रपत्र जारी किया है। ये इसलिए कि क्यूआर कोड चेक होने पर दुकान का नाम आ जाएगा। हम इस प्रपत्र से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि इससे भी सनातन धर्म के देवी-देवताओं के नाम पर बोर्ड लगाने वाले 'थूक-मूत्र गैंग' को लाइसेंस मिल जाएगा।"
उन्होंने कहा, "क्यूआर कोड पर न दुकान मालिक का नाम आएगा, न कि कर्मचारियों का नाम आएगा।" स्वामी यशवीर महाराज ने आशंका जताते हुए कहा, "ये लोग दूसरों के नाम पर लाइसेंस ले लेंगे, जिसमें दुकान मालिक और कर्मचारी भी हिंदू नहीं होंगे।"
महाराज ने मांग की है कि सरकार 'नेमप्लेट व्यवस्था' पर सही फैसला ले। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार से अनुरोध है कि जितने भी फूड लाइसेंस हैं, उन्हें निरस्त किया जाए। एक ऐसी व्यवस्था हो, जिनको फूड लाइसेंस मिले, उसमें मालिक का नाम और वहां काम करने वाले कर्मचारियों के नाम होने चाहिए।"
इसके पहले स्वामी यशवीर महाराज ने एक घोषणा करते हुए कहा था, "हम 'थूक-मूत्र गैंग' के घोर विरोधी हैं। इन षड्यंत्रों को अब नहीं चलने दिया जाएगा। इस तरह के गैंग के खिलाफ हमारी क्रांति चलती रहेगी।"