‘कांग्रेस को दिक्कत क्या है, खुलकर बताएं’, मतदाता सूची के पुनरीक्षण विरोध पर बोले मंत्री नितिन नबीन

पटना, 27 जून ( आईएएनएस)। बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन ने शुक्रवार को कांग्रेस की तरफ से मतदाता सूची के पुनरीक्षण कराए जाने का विरोध करने की निंदा की। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अगर मतदाता सूची का पुनरीक्षण करके फर्जी और गलत मतदाताओं को हटाया जा रहा है, तो इससे कांग्रेस को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, " जो राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं, उनसे मैं यही पूछना चाहूंगा कि क्या आप लोग फर्जी मतदाताओं के सहारे सत्ता हासिल करना चाहते हैं? फर्जी मतदाताओं को तो रोका जाएगा। इसके अलावा, जो राजनीतिक दल फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, उन्हें भी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे तत्वों को एक स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।"

बिहार में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के निर्णय का विरोध किया है। कांग्रेस का कहना है कि यह प्रक्रिया सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके बड़ी संख्या में मतदाताओं, खासकर गरीब, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों को मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश है।

उन्होंने ‘मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना’ को लेकर भी अपनी बात रखी। कहा कि 'मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना' के अंतर्गत पिछले वर्ष 160 करोड़ की योजनाओं को पटना नगर निगम के अंतर्गत स्वीकृति मिली थी। इस योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के बुनियादी ढांचों को मजबूत करने में इस योजना ने काफी मदद की है। इसी कड़ी में आज 150 करोड़ की योजना स्वीकृत हुई है। इससे प्रदेश के विकास को नई गति मिलेगी।

मंत्री ने तेजस्वी यादव के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि हम लोगों के बीच में कलम बांट रहे हैं, लेकिन यह सरकार बंदूक बांट रही है। नितिन नबीन ने कहा कि जिन लोगों ने हमेशा से खुद बंदूक बांटी, ऐसे लोग मेहरबानी करके कलम की बात न ही करें, तो बेहतर रहेगा।

उन्होंने कहा कि बंदूक के लाइसेंस का सत्यापन होता है। लेकिन, मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि तेजस्वी यादव के शासन में अपराधियों को धड़ल्ले से बंदूक बांटी गई। ऐसा करके इन लोगों ने समाज को दिगभ्रमित करने का काम किया है। लेकिन, हमारे शासनकाल में ऐसा नहीं होता है। हर चीज का सत्यापन होता है। वहीं, जनप्रतिनिधियों को एक सीमा तक ही छूट दी गई है।

उन्होंने तेजप्रताप यादव के जनता दरबार लगाने के कदम पर भी तंज कसा। कहा कि जिन्हें अपने परिवार के दरबार से ही बाहर कर दिया गया है, वो भला जनता दरबार क्या ही लगाएंगे।

--आईएएनएस

एसएचके/केआर

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