बेगूसराय, 16 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार में बेगूसराय में कांग्रेस प्रत्याशी अमिता भूषण के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने संयुक्त रूप से प्रचार किया। प्रचार के दौरान दोनों नेताओं ने स्थानीय मछुआरों के साथ तालाब में उतरकर मछलियां भी पकड़ीं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा।
इसके बावजूद कांग्रेस इस सीट पर हार गई। अब स्थानीय लोगों ने कहा कि सहनी समुदाय का वोट जीतने के लिए कांग्रेस को राजद का साथ छोड़ना होगा।
बेगूसराय के शंख गांव के स्थानीय लोगों ने आईएएनएस से बातचीत में बिहार चुनाव में महागठबंधन के हारने की वजह बताई है।
एक स्थानीय व्यक्ति का कहना है कि चुनाव हारने का कारण यह है कि सभी ने लालू यादव के शासन को देखा है। उनके कार्यकाल के दौरान, 'जंगलराज' के तहत, आम नागरिक भी सुरक्षित नहीं थे। चाहे वह मुकेश सहनी हों या कांग्रेस के राहुल गांधी, उन्होंने जनता द्वारा अस्वीकार किए गए लोगों के साथ गठबंधन किया। यही कारण है कि कई स्थानीय लोगों ने मुकेश सहनी या राहुल गांधी का समर्थन नहीं किया।
एक अन्य व्यक्ति का कहना है कि राहुल गांधी आए और मछलियां पकड़ीं, लेकिन वे मरी हुई मछलियां थीं, इसलिए उन्हें यहां वोट नहीं मिल रहे हैं। वोट तभी मिलते हैं, जब आप कुछ सार्थक करते हैं। सहनी समुदाय अपना वोट तभी देता है, जब उन्हें कोई ठोस काम दिखाई देता है।
इस मामले को लेकर एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि यह एक दिखावा से ज्यादा कुछ नहीं था। राहुल गांधी आए और तालाब में कूद गए, लेकिन उन्होंने जो मछलियां पकड़ीं, वे मरी हुई मछलियां थीं, बाजार में बिकने वाली नहीं। सहनी समुदाय का वोट जीतने के लिए कांग्रेस को राजद का साथ छोड़ना होगा, क्योंकि लोग 'जंगलराज' के असर को नहीं भूले हैं। उसके असर आज भी याद हैं। कांग्रेस को बिहार में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना होगा। जब तक वे राजद के साथ गठबंधन में रहेंगे, सहनी समुदाय उन्हें स्वीकार नहीं करेगा।
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि लगातार लोगों से मिलने से ही आपको उनके वोट मिलेंगे। सिर्फ एक दिन के लिए आने से कुछ हासिल नहीं होगा।
--आईएएनएस
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