Northeast Handloom Development: हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र को मजबूत करने को लेकर उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक

पूर्वोत्तर को हथकरघा-हस्तशिल्प में वैश्विक पहचान दिलाने की तैयारी: सिंधिया
हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र को मजबूत करने को लेकर उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक

नई दिल्‍ली:  केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पूर्वोत्तर में हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र को मजबूत करने पर केंद्रित एक उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में भाग लिया।

बैठक की अध्यक्षता नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने की और इसमें केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, असम के हथकरघा एवं वस्त्र मंत्री उरखाओ ग्वारा ब्रह्मा और मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "फैशन फॉर एनवायरनमेंट एंड एम्पावरमेंट" के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की सतत फैशन क्रांति के पीछे प्रेरक शक्ति बनने की पूर्वोत्तर की अद्वितीय क्षमता पर विचार-विमर्श किया।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पूर्वोत्तर को आजीविका उत्पन्न करने, नवाचार को बढ़ावा देने और भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के लिए हथकरघा और हस्तशिल्प की अपनी समृद्ध विरासत का लाभ उठाना चाहिए।

बैठक में बेहतर बाजार पहुंच, प्रौद्योगिकी का उपयोग, क्षमता निर्माण और सतत आजीविका सृजन जैसे लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से हस्तशिल्प और हथकरघा पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

टास्क फोर्स का उद्देश्य क्षेत्र में सतत विकास और समावेशी प्रगति की आधारशिला के रूप में हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करना है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बेहतर बुनियादी ढांचे, डिजिटल और डिजाइन एकीकरण, और कौशल विकास के माध्यम से इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर केंद्रित एक रणनीतिक योजना प्रस्तुत की। प्रमुख कार्यों में कारीगर समूहों का गठन, सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित करना और राष्ट्रीय प्रचार के लिए पूरे क्षेत्र में 2-3 प्रमुख उत्पादों का चयन करना शामिल है। यह दृष्टिकोण स्वयं सहायता समूहों को वैश्विक मानकों के साथ जोड़कर नीचे से ऊपर की ओर मूल्य श्रृंखला विकसित करके तथा स्थानीय शिल्प को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सक्षम बनाकर बाजार की तत्परता पर जोर देता है।

 

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