मुंबई: एनसीपी-एसपी नेता जितेंद्र आव्हाड के 'सनातन' के खिलाफ दिए गए बयान से सियासत तेज हो गई है। इसको लेकर शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि जितेंद्र आव्हाड का काम सिर्फ हिंदुओं को बदनाम करना और मुस्लिम तुष्टीकरण करना रहा है।
कायंदे ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि जितेंद्र आव्हाड हमेशा पुलिस प्रक्रिया और देश की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते आए हैं, ताकि उनको राजनीतिक लाभ मिल सके।
कायंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के लिए 'भगवा' शब्द का प्रयोग न करके 'सनातन' या 'हिंदुत्ववादी' शब्दों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
कायंदे ने कहा कि हम कांग्रेस के तिलक भवन जाकर तालाबंदी की मांग कर आए हैं। अब यह पार्टी 'पाकिस्तान नेशनल कांग्रेस' बन गई है। 'भगवा आतंकवाद' शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले शरद पवार ने किया था, जबकि सच्चाई यह है कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं रहा। साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को झूठे केस में फंसाया गया। एनआईए कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया कि यह 'हिंदू आतंकवाद' का झूठा नैरेटिव था।
उन्होंने साध्वी प्रज्ञा के बयान को लेकर कहा कि 17 साल तक साध्वी प्रज्ञा पर अत्याचार हुआ। उन्हें मानसिक, शारीरिक और सामाजिक पीड़ा दी गई। संसद सदस्य होने के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिला। कर्नल पुरोहित देश सेवा में थे, उन्हें भी साजिश का शिकार बनाया गया। हम एनआईए कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।
मनीषा कायंदे ने उद्धव ठाकरे की इंडिया गठबंधन बैठक में भागीदारी को लेकर कहा कि शिवसेना मुखपत्र 'सामना' में भी 'भगवा आतंकवाद' की आलोचना की गई थी और आज वही कांग्रेस इस गठबंधन में प्रमुख भूमिका निभा रही है। अगर शिवसेना वाकई 'भगवा' विचारधारा पर अडिग है, तो उन्हें महाविकास अघाड़ी और इंडिया गठबंधन से बाहर आ जाना चाहिए।