Jharkhand Workers Return From Cameroon: विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से कैमरून में फंसे बोकारो-हजारीबाग के 17 मजदूरों की हुई स्वदेश वापसी

कैमरून में फंसे झारखंड के मजदूरों की वतन वापसी, विदेश मंत्रालय और दूतावास की बड़ी पहल।
विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से कैमरून में फंसे बोकारो-हजारीबाग के 17 मजदूरों की हुई स्वदेश वापसी

रांची:  भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे झारखंड के 19 में से 17 मजदूरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी हो गई है। ये मजदूर बोकारो और हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं। सोमवार को सभी अपने घर पहुंच गए।

बताया गया है कि दो अन्य मजदूरों की वापसी 26 अगस्त को होगी। ये मजदूर एक एजेंसी के जरिए कैमरून में बिजली ट्रांसमिशन का काम करने वाली ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में मजदूरी करने ले जाए गए थे। इस कंपनी ने उनका चार महीने का वेतन रोक रखा था। वेतन बंद होने से उनके सामने खाने-पीने और अन्य बुनियादी जरूरतों का संकट खड़ा हो गया था।

मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश साझा कर केंद्र एवं झारखंड सरकार से हस्तक्षेप और वतन वापसी कराने की गुहार लगाई थी। झारखंड सरकार के श्रम विभाग ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को पूरे मामले से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया था।

मंत्रालय ने अफ्रीकी देश में स्थित दूतावास की मदद से मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान और उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित कराई है। सोमवार को घर लौटे मजदूरों में बोकारो के प्रेम टुडू, सिबोन टुडू, सोमर बेसरा, पुराण टुडू, रामजी हांसदा, विरवा हांसदा एवं महेन्द्र हांसदा और हजारीबाग के आघनू सोरेन, अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी, लालचंद मुर्मू, फूलचंद मुर्मू, बुधन मुर्मू, जिबलाल मांझी, छोटन बासके और राजेंद्र किस्कू शामिल हैं।

दो मजदूर हजारीबाग के फूलचंद मुर्मू और बोकारो के बबलू सोरेन 26 अगस्त को लौटेंगे। विदेशों में मजदूरों के फंसने का यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी कई बार अधिक वेतन के लालच में मजदूर विदेश जाकर मुश्किल हालात में फंस चुके हैं, जिनकी वापसी के लिए लंबी प्रक्रिया अपनानी पड़ी थी।

 

 

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