रांची: झारखंड में हो रही झमाझम बारिश ने कोयला खदानों वाले इलाकों की मुसीबत बढ़ा दी है। इन इलाकों में खदानों के नीचे पानी भरने से गैस बाहर आने लगी है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। धनबाद जिले के झरिया, बाघमारा और कतरास, रांची के खलारी कोयलांचल में करकट्टा खदान, रामगढ़ जिले के रजरप्पा में भुचुंगडीह और बोकारो जिले के ढोरी इलाके की एक खदान से गैस और धुएं का गुबार उठ रहा है।
भू-धंसान के खतरों से लोग दहशत में हैं। धनबाद के झरिया इलाके में बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लि.) की एरिया-नाइन और सिजुआ इलाके की कनकनी कोलियरी में कई जगहों पर जमीन की दरारों से धुआं उठ रहा है। बीसीसीएल की सभी 12 एरिया की ओपनकास्ट और अंडरग्राउंड खदानों में बरसात का पानी भर गया है।
इस वजह से कोयला का उत्पादन बंद करना पड़ा है। खतरे की आशंका को देखते हुए कंपनी प्रबंधन ने भूमिगत खदानों में कर्मियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। खदानों में खड़ी भारी मशीनें पानी में डूब गई हैं। बीसीसीएल प्रशासन ने पहले से ही हाई अलर्ट जारी किया था, लेकिन जल निकासी व्यवस्था कमजोर रहने के कारण खदानों में पानी भर गया।
बाघमारा, कतरास और आसपास की बस्तियों में भू धंसान और गैस रिसाव की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कई लोगों के घरों में दरारें आ रही हैं। कई बस्तियों में लोग जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं, जबकि उन्हें वर्षों पहले खतरनाक घोषित किया जा चुका है। रांची के खलारी कोयलांचल अंतर्गत करकट्टा स्थित बंद कोयला खदान में दरारों से पानी घुसने के साथ तेज धुआं निकलने लगा है। इस इलाके में 15 से अधिक स्थानों पर गैस और धुआं निकल रहा है।
गैस रिसाव की वजह से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। रामगढ़ के रजरप्पा कोयला क्षेत्र में भुचूंगडीह गांव स्थित अवैध खदान में लगी आग खतरनाक रूप ले सकती है। पिछले महीने यहां एक मजदूर रवींद्र महतो की गोफ (जमीन धंसने से बना गहरा गड्ढा) में समाकर मौत हो गई थी। सीसीएल तथा प्रशासन की ओर से यहां आग बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बोकारो जिला अंतर्गत सीसीएल ढोरी एरिया अंतर्गत ढोरी खास 4, 5 नंबर भूमिगत खदान में पिछले दिन आग लग गई थी, जिसे बुझाने में प्रबंधन को कई दिनों तक मशक्कत करनी पड़ी थी।