रांची: टेंडर में ‘बोली’ लगाओ और मनपसंद अस्पताल में नियुक्ति-पोस्टिंग पाओ। झारखंड सरकार ने अपने इस अनूठे और आकर्षक प्रस्ताव के आधार पर 126 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को नियुक्त किया है।
मंगलवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में नवनियुक्त डॉक्टरों को नियुक्ति और पोस्टिंग पत्र सौंपे। सभी नियुक्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) के तहत की गई हैं। इस प्रक्रिया में चिकित्सकों को राज्य भर के स्वास्थ्य केंद्रों की सूची दी गई और उन्हें अपनी पसंद के अनुसार केंद्र चुनने का विकल्प दिया गया।
शर्त यह थी कि किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्ति और पोस्टिंग के लिए जो चिकित्सक सबसे कम मानदेय की मांग रखेंगे, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। राजधानी रांची के नामकुम स्थित आईपीएच प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने चयनित डॉक्टरों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “हमारा सपना है कि झारखंड के हर जिले को मेडिकोज सिटी बनाएं। हर व्यक्ति को उसके जिले में बेहतर इलाज मिले। इसी सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। नवनियुक्त डॉक्टरों को न केवल सम्मान बल्कि जिम्मेदारी भी दी जा रही है। अब हर डॉक्टर अपने अस्पताल का ‘स्वास्थ्य मंत्री’ है।”
अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा, “यह नियुक्ति सिर्फ नौकरी नहीं, एक मिशन है ताकि राज्य के हर कोने में विशेषज्ञता पहुंचे और सदर अस्पताल निजी अस्पतालों जैसी सुविधा दें। रांची का सदर अस्पताल देश के टॉप मॉडल्स में गिना जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हमारे नवाचार पर प्रेजेंटेशन के लिए आग्रह किया है।”
नवनियुक्त डॉक्टरों में 22 शिशु रोग विशेषज्ञ, 20 सर्जन, 19 स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, 17 एनेस्थेटिस्ट, 11 जनरल मेडिसिन, 10 ऑर्थोपेडिक सर्जन, 9 नेत्र रोग विशेषज्ञ, 5 ईएनटी, 5 मानसिक रोग विशेषज्ञ, 4 रेडियोलॉजिस्ट और 4 त्वचा रोग विशेषज्ञ शामिल हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने 219 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन केवल 126 डॉक्टरों ने आवेदन कर प्रक्रिया पूरी की। 93 पद अब भी खाली हैं।
इन डॉक्टरों को सरकारी आवास में रहना होगा और निजी प्रैक्टिस की अनुमति नहीं होगी। सरकार का मानना है कि यह प्रणाली डॉक्टरों को सेवा के लिए प्रोत्साहित करने और ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच मजबूत करने में कारगर साबित होगी। आने वाले समय में इसी प्रक्रिया के माध्यम से और विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की योजना है।
झारखंड की आबादी के हिसाब से करीब 37,000 डॉक्टरों की जरूरत है, जबकि सिर्फ 7,500 डॉक्टर उपलब्ध हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की स्थिति और भी गंभीर है, जहां 1,200 स्वीकृत पदों के विरुद्ध केवल 300 विशेषज्ञ कार्यरत हैं।