दुमका: झारखंड के दुमका स्थित सिदो-कान्हू हवाईअड्डे पर राज्य सरकार की ओर से स्थापित झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने औपचारिक उद्घाटन किया। भारत सरकार के डायरेक्टर जेनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) से मान्यता प्राप्त इस इंस्टीट्यूट में प्रति वर्ष राज्य के 30 युवाओं को कमर्शियल पायलट का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें से आरक्षित वर्ग के 15 युवाओं को दिया जाने वाला प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क होगा।
इंस्टीट्यूट के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर झारखंड विकास के नए दौर में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में जिसकी आधारशिला रखी गई थी, उस फ्लाइंग इंस्टीट्यूट ने आज अपने सपनों के पंख खोल दिए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संस्थान न केवल राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण विमानन प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा बल्कि झारखंड को विमानन क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान भी दिलाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना अवधि के दौरान विमान सेवा से प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी कराने के बाद अब उन्हीं परिवारों के युवाओं को पायलट और विमान इंजीनियर बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रशिक्षण सुविधाओं, सिम्युलेटर, सुरक्षा प्रक्रियाओं और फ्लाइट ऑपरेशंस का भी निरीक्षण किया।
इसी कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों की 190.64 करोड़ रुपए की 12 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और 123.48 करोड़ रुपए की 14 योजनाओं की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जो कहती है, करके दिखाती है। उन्होंने सरकार की ओर से चलाई जा रही 'मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति' योजना का उल्लेख किया, जिसके तहत हर वर्ष 25 छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए पूर्ण सहायता दी जाती है।
उन्होंने गांवों पर केंद्रित शासन मॉडल का जिक्र करते हुए बताया कि “सेवा का अधिकार” कार्यक्रम के तहत अधिकारी पंचायत स्तर पर जाकर जनसमस्याओं का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय सीमा में शिकायतों का निस्तारण नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। कार्यक्रम में सांसद नलिन सोरेन, विधायक बसंत सोरेन, प्रदीप यादव, लुईस मरांडी, आलोक सोरेन समेत बड़ी संख्या में अधिकारी और आमजन उपस्थित थे।
--आईएएनएस
