नई दिल्ली: झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा, साक्षरता एवं निबंधन विभाग के मंत्री रामदास सोरेन का शुक्रवार की रात को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है।
रामदास सोरेन के बड़े बेटे सोमेश सोरेन ने अपने पिता के आधिकारिक एक्स हैंडल से इस दुखद सूचना को साझा किया। सोमेश ने लिखा, "अत्यंत दुख के साथ यह बता रहा हूं कि मेरे पिता रामदास सोरेन अब हमारे बीच नहीं रहे।"
रामदास सोरेन के निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "ऐसे छोड़कर नहीं जाना था रामदास दा... अंतिम जोहार दादा।"
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने एक्स पोस्ट पर लिखा, "झारखंड के शिक्षा मंत्री एवं घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन के निधन का अत्यंत ही दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोकाकुल परिवार को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"
झारखंड सरकार के मंत्री रामदास सोरेन के निधन से न सिर्फ उनके विधानसभा क्षेत्र घाटशिला, बल्कि पूरे झारखंड में शोक का माहौल है।
रामदास सोरेन बीते दो अगस्त को अपने घोड़ाबांधा स्थित पैतृक आवास में बाथरूम में गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था। घटना के तुरंत बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस के जरिए जमशेदपुर से दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया गया था। वहां उनकी हालत गंभीर बनी रही और चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उनके निधन पर कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त किया है। रामदास सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे और घाटशिला विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। उनके निधन से झामुमो को भी गहरा आघात पहुंचा है। पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच उनकी सादगी और जनसेवा के लिए विशेष पहचान थी।