Rajiv Ranjan JDU Statement: राहुल-तेजस्वी को माफीनामा यात्रा शुरू करनी चाहिए: राजीव रंजन

जदयू नेता राजीव रंजन ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दोनों नेताओं को ‘माफीनामा यात्रा’ निकालनी चाहिए। उन्होंने तेजस्वी यादव को आईआरसीटीसी मामले और परिवार के भ्रष्टाचार के मामलों की याद दिलाई, वहीं नीतीश कुमार को बेदाग नेता बताया। साथ ही, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सुरक्षा पर सवाल उठाए।
राहुल-तेजस्वी को माफीनामा यात्रा शुरू करनी चाहिए: राजीव रंजन

पटना:  जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता राजीव रंजन ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दूसरे चरण पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें ‘वोटर अधिकार यात्रा’ नहीं, बल्कि ‘माफीनामा यात्रा’ निकालनी चाहिए।

आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सीएसडीएस निदेशक संजय कुमार ने महाराष्ट्र चुनाव के गलत आंकड़ों वाला ट्वीट डिलीट कर माफी मांग ली है, और उनके खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है। इसके बावजूद, राहुल गांधी ने इन आंकड़ों के आधार पर भारत के चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि अब जब संजय कुमार ने माफी मांग ली है, तो राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को भी माफी मांगनी चाहिए।

राजद नेता तेजस्वी यादव को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें नीतीश कुमार की चिंता करने की जरूरत नहीं, बल्कि अपनी चिंता करनी चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी, जो कभी नैतिकता, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की बात करते थे, खुद आईआरसीटीसी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं और नियमित रूप से अदालत में पेश हो रहे हैं।

जदयू नेता ने आगे कहा कि तेजस्वी के पिता, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी स्थिति में उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है। नीतीश कुमार का जीवन बेदाग है, और तेजस्वी को उनकी चिंता करने की जरूरत नहीं है।

जनसुनवाई के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले पर उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। रेखा गुप्ता दिल्ली में मुख्यमंत्री बनने के बाद से अच्छा काम कर रही हैं। लोकतंत्र में असहमति व्यक्त करने के कई तरीके हो सकते हैं, लेकिन यह सुरक्षा में चूक को भी दर्शाता है। साथ ही, यह एक क्रूर मानसिकता का परिचायक है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसे सुनिश्चित करना दिल्ली सरकार का दायित्व होना चाहिए।

जदयू नेता ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की सकारात्मक प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि आम लोग भी चाहते हैं कि गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे सांसदों को, यदि वे 30 दिन जेल में रहते हैं, तो उनके पद से मुक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों में नेतृत्व की परंपरा है, और यदि कोई नेता जाता है, तो दूसरा उस जिम्मेदारी को संभाल लेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने एनडीए गठबंधन में रहते हुए अल्पसंख्यक समुदाय, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जो उनकी समावेशी नीतियों और सुशासन की पहचान को दर्शाता है।

 

 

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