Jayaprakash Narayan : स्वतंत्रता संग्राम से संपूर्ण क्रांति तक का ऐतिहासिक सफर

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति और लोकतंत्र रक्षा की विरासत
लोकनायक जेपी: स्वतंत्रता संग्राम से संपूर्ण क्रांति तक का ऐतिहासिक सफर

नई दिल्ली: भारत के इतिहास में जयप्रकाश (जेपी) नारायण एक ऐसा नाम है, जो देश के स्वतंत्रता संग्राम और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए हमेशा याद किए जाते हैं। जयप्रकाश नारायण को 'लोकनायक' के रूप में सम्मानित किया गया। उन्होंने अपनी संपूर्ण क्रांति के जरिए भारतीय समाज और राजनीति को एक नई दिशा दी।

जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सिताबदियारा में हुआ था। अमेरिका में समाजशास्त्र की पढ़ाई के दौरान वे मार्क्सवाद से प्रभावित हुए, लेकिन भारत लौटकर उन्होंने गांधीवादी विचारधारा को अपनाया। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका उल्लेखनीय थी। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने भूमिगत रहकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया। हजारीबाग जेल से उनकी साहसिक फरारी ने उन्हें जनता का नायक बना दिया। उनकी निर्भीकता और समर्पण ने युवाओं को प्रेरित किया।

स्वतंत्रता के बाद जेपी ने सत्ता की राजनीति से दूरी बनाए रखी। उन्होंने समाजवादी आंदोलन को मजबूत किया और विनोबा भावे के भूदान आंदोलन में सक्रिय योगदान दिया। 1970 के दशक में जब देश भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सामाजिक असमानता से जूझ रहा था, तब जेपी ने 1974 में बिहार से 'संपूर्ण क्रांति' का आह्वान किया। यह आंदोलन केवल सत्ता परिवर्तन तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और नैतिक परिवर्तन था। जेपी ने कहा, "संपूर्ण क्रांति का मतलब समाज का हर क्षेत्र, शिक्षा, अर्थव्यवस्था, प्रशासन और नैतिकता, में बदलाव है।"

1975 में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ जेपी का आंदोलन ऐतिहासिक बन गया। उनकी गिरफ्तारी ने देशभर में आक्रोश फैला दिया। जेपी ने छात्रों और युवाओं को एकजुट कर जनता पार्टी के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप 1977 में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनी। हालांकि, जनता पार्टी के आंतरिक मतभेदों ने उनके सपनों को अधूरा छोड़ दिया, लेकिन संपूर्ण क्रांति का उनका दर्शन आज भी प्रासंगिक है।

जेपी का मानना था कि सच्चा लोकतंत्र तभी संभव है जब जनता जागरूक हो और सत्ता पर सवाल उठाए। आज, जब भ्रष्टाचार, सामाजिक असमानता और राजनीतिक ध्रुवीकरण फिर से चर्चा में हैं, जेपी का संदेश प्रेरणा देता है। जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति केवल एक आंदोलन नहीं, बल्कि एक विचारधारा है जो हमें सिखाती है कि परिवर्तन की शुरुआत समाज के हर व्यक्ति से होती है।

8 अक्टूबर 1979 को भारत ने इस महान सपूत को खो दिया, लेकिन उनका संदेश आज भी प्रासंगिक है कि लोकतंत्र की ताकत जनता में निहित है। जेपी का जीवन हमें उनके आदर्शों, नैतिकता, पारदर्शिता और जन-सेवा को अपनाने की प्रेरणा देता है।

 

 

Related posts

Loading...

More from author

Loading...