जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए : उदित राज

नई दिल्ली, 3 सितंबर(आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए। केंद्र सरकार ने इसको लेकर वादा किया था कि जिसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की मांग का पुरजोर समर्थन करते हुए आईएएनएस से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं और इसे बहुत पहले ही बहाल कर दिया जाना चाहिए था। हालांकि चुनाव हो चुके हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन उपराज्यपाल के पास ही है। इस लिहाज से, जम्मू-कश्मीर के साथ विश्वासघात हुआ है। पूर्ण राज्य का दर्जा बिना किसी देरी के बहाल किया जाना चाहिए।

उन्होंने मराठा आरक्षण का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने आंदोलन खत्म होने पर कहा कि आज हमारे लिए दीपावली है। उदित राज ने कहा कि आरक्षण को ओबीसी में जोड़ दिया। ओबीसी का जो ब्लॉक है, उससे प्रतिक्रिया आएगी।

उदित राज के अनुसार, मराठा को आरक्षण देना था तो अलग से देते, किसी के साथ सम्मिलित करना ठीक नहीं।

पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता कि गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि हर जगह भाजपा के कार्यकर्ता हुडदंग मचा रहे हैं, लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं। बंगाल में विपक्ष की सरकार है तो कार्रवाई हो रही है। लेकिन, जहां भाजपा की सरकार है वहां कार्रवाई नहीं होती है। उन्होंने कहा कि मैं ममता बनर्जी की सरकार का धन्यवाद करता हूं कि कार्रवाई हो रही है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के दो वोटर कार्ड मामले पर उन्होंने कहा कि ''यह पवन खेड़ा की नहीं, बल्कि चुनाव आयोग की गलती है।"

उन्होंने आगे कहा, "अगर आपका सिस्टम कई मतदाता पहचान पत्र बनाने की अनुमति देता है, तो गलती चुनाव आयोग की है। इसमें पवन खेड़ा की क्या गलती है। बीएलए बैठकर क्या कर रहे हैं, उनकी जिम्मेदारी इसकी जांच करना है।"

उदित राज ने कहा कि डिजिटल भारत में एक व्यक्ति के पास दो वोटर कार्ड कैसे हो सकते हैं, चुनाव आयोग के सिस्टम में ही गड़बड़ है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक पर उन्होंने कहा कि बर्बाद तो हो चुके हैं, उम्मीद है कि बैठक से कुछ राहत मिलेगी। जीएसटी से व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है।

कई राज्यों मे आई बाढ़ पर उन्होंने कहा कि पंजाब में बहुत बुरी स्थिति है, भयंकर बरसात हो रही है। ऐसे में बाढ़ प्रभावित राज्यों की मदद के लिए सभी को आगे आना चाहिए।

--आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

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