जीएसटी दरों में कटौती से देश की जनता को मिलेगी बड़ी राहत : भाजपा सांसद अरुण सिंह

भुवनेश्वर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अरुण सिंह ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में भारी कटौती पर केंद्र सरकार की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि इस कटौती से देश की जनता को बड़ी राहत मिलेगी। उन्‍होंने इसे आम आदमी को राहत देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

भाजपा सांसद अरुण सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में भारी कटौती की है। ये संशोधित दरें 22 सितंबर से लागू होंगी और किसानों, छात्रों, छोटे व्यवसायों और स्वयं सहायता समूहों सहित समाज के एक व्यापक वर्ग को लाभान्वित करने की उम्मीद है।

अरुण सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जीएसटी को दुनिया का सबसे बड़ा टैक्‍स सुधार बताया, जिसने 2017 में लागू होने पर 28 विभिन्न राज्य-स्तरीय करों को एकीकृत कर दिया था। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह 5 लाख करोड़ रुपए था, जबकि जीएसटी लागू होने से राजस्व संग्रह बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

उन्‍होंने बताया कि इस बढ़े हुए राजस्व का उपयोग अब वंचितों के लिए कल्याणकारी योजनाओं और पहलों में किया जा रहा है।

भाजपा सांसद ने कहा कि संशोधित जीएसटी दरों से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम होंगी, जिससे उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि कई दैनिक उपयोग की वस्तुएं काफी सस्ती हो जाएंगी। उदाहरण के लिए, डिटर्जेंट, जिन पर यूपीए शासन के दौरान 30 प्रतिशत कर लगता था और बाद में जीएसटी के तहत इसे घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया, अब न्यूनतम 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। ओडिशा में निर्मित हस्तनिर्मित मूर्तियों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी जाएगी, जबकि प्रमुख निर्माण सामग्री, सीमेंट पर अब पहले के 20 प्रतिशत के बजाय 10 प्रतिशत कर लगेगा। टेलीविजन भी ज्‍यादा किफायती हो जाएंगे क्योंकि जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गई है। इसी तरह, जूते-चप्पल पर कर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। जिन कपड़ों पर पहले 12 प्रतिशत टैक्‍स लगता था, अब 5 प्रतिशत के स्लैब में आ जाएंगे।

उन्‍होंने आगे कहा कि इन कटौतियों से न केवल घरों पर वित्तीय बोझ कम होगा, बल्कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को भी सहारा मिलेगा। इस कदम से ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है क्योंकि इससे कच्चा माल और आवश्यक वस्तुएं अधिक किफायती हो जाएंगी। अरुण सिंह इसे "जन-केंद्रित सुधार" बताते हुए कहा कि जीएसटी में कटौती समावेशी आर्थिक विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और नागरिकों के दैनिक जीवन को बेहतर बनाने पर उसके ध्यान को दर्शाती है।

--आईएएनएस

एएसएच/

Related posts

Loading...

More from author

Loading...