मुंबई, 15 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार में गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) पंकज भोयर ने 'धर्मांतरण विरोधी कानून' लाने की तैयारियों के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कानून के आने से राज्य में काफी फायदा होगा। जहां न चाहते हुए भी कुछ लोगों का मजबूरी में या प्रलोभन देकर धर्मांतरण किया जाता है, इस बिल के आने से यह सिलसिला रुकेगा।
पंकज भोयर ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो यह बिल्कुल गलत है। इस संबंध में बहुत सारी शिकायतें आईं। भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसलिए धर्मांतरण विरोधी कानून लाने की जरूरत है। हमारी कोशिश है कि आगामी शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश किया जा सके।"
महाराष्ट्र धर्मांतरण विरोधी कानून लाने वाला 11वां राज्य होगा। पंकज भोयर ने कहा, "लगभग 10 राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू है, लेकिन महाराष्ट्र में भी लाने की तैयारी है। दूसरे राज्यों से भी सलाह-मशविरा किया जा रहा है। दूसरे राज्यों के कानून की भी स्टडी की जा रही है। पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई। जल्द से जल्द इसकी स्क्रूटनी करके बिल लाया जाएगा।"
सोमवार को पंकज भोयर ने राज्य विधानमंडल में घोषणा की कि पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट में दिए गए सुझावों पर विचार करने के बाद अगले सत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून पेश किया जाएगा।
वह भाजपा विधायक उमा खापरे की ओर से सदन में पेश ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे। उमा खापरे ने पुणे जिले के दौंड तालुका के केडगांव स्थित पंडिता रमाबाई मुक्ति मिशन के अनाथालय में लड़कियों और महिलाओं के धर्मांतरण के संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया था।
इससे पहले, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने 9 जुलाई को कहा था कि सरकार प्रलोभन या जबरदस्ती के माध्यम से किए जाने वाले धर्मांतरण को रोकने के लिए एक कठोर धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की योजना बना रही है।
--आईएएनएस
डीसीएच/केआर