नई दिल्ली: पश्चिमी मोर्च पर पाकिस्तान से लगी सीमा के पार से ड्रोन भेजे जाने के मामलों में जोरदार बढ़ोतरी देखी गई है और साल 2022 में ड्रोन के जरिए मादक पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद भेजे जाने के मामलों में दोगुना इजाफा हुआ है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बल ने दिल्ली में एक शिविर में ड्रोन का अध्ययन करने के लिए हाल ही में एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की है और इसके परिणाम बहुत उत्साहजनक रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां सीमा पार से ड्रोन उड़ाने के रास्तों और इस अवैध गतिविधि में शामिल लोगों के ठिकानों पर भी नजर रख सकती हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ काफी समय से ड्रोन खतरे का सामना कर रहा है। नापाक मंसूबों वाले लोग नए-नए तरीके से ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। अलग-अलग तरह के ड्रोन के इस्तेमाल से हमारे लिए समस्याएं पैदा हो रही हैं, क्योंकि इनके बारे में कम जानकारी उपलब्ध है और ये तेजी से उड़ान भरते हुए सीमा को पार कर जाते हैं। डीजी ने यह बात केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को जानकारी देते हुए कही, जो एक वेबिनार सत्र के माध्यम से फोरेंसिक लैब का उदघाटन करने के लिए एक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।