Indian Navy Singapore Visit 2025: भारतीय नौसेना के पोतों ने सिंगापुर यात्रा सफलतापूर्वक की सम्पन्न

सिंगापुर पोर्ट कॉल में भारतीय नौसेना ने साझेदारी को नई ऊंचाई दी, ‘सागर’ विज़न को बल।
भारतीय नौसेना के पोतों ने सिंगापुर यात्रा सफलतापूर्वक की सम्पन्न

नई दिल्ली: दक्षिण-पूर्व एशिया में परिचालन तैनाती के तहत भारतीय नौसेना के पोतों ने सिंगापुर यात्रा सम्पन्न की है। भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के पोत आईएनएस दिल्ली, शक्ति, सतपुड़ा और कि्लटन ने इस यात्रा के तहत सिंगापुर का सफल पोर्ट कॉल सम्पन्न किया।

भारतीय नौसेना के मुताबिक, यह यात्रा दक्षिण-पूर्व एशिया में नौसेना की परिचालन तैनाती का हिस्सा रही है। भारतीय नौसेना के इन पोतों का नेतृत्व रीयर एडमिरल सुशील मेनन, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट कर रहे थे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय और सिंगापुर की नौसेना के बीच तीन दशकों से भी अधिक समय से सहयोग, समन्वय और सहभागिता के सुदृढ़ परिचालन संबंध रहे हैं। इस सहयोग व समन्वय के चलते दोनों ओर से नियमित यात्राएं, सर्वोत्तम प्रथाएं साझा करना और पारस्परिक प्रशिक्षण व्यवस्था शामिल है।

भारतीय नौसेना की यहां रही तैनाती दोनों नौसेनाओं के बीच प्रगाढ़ता दर्शाती है। यात्रा के दौरान फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट ने सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त और रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी के फ्लीट कमांडर से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग को और अधिक सशक्त करने के लिए द्विपक्षीय नौसेनिक संबंधों को बढ़ाने के अवसरों पर विचार-विमर्श किया गया।

फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट ने शैक्षणिक समुदाय के साथ बातचीत भी की। इस बातचीत में समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य पर भारतीय नौसेना का दृष्टिकोण साझा किया गया। पूर्वी बेड़े के पोतों के कमांडिंग ऑफिसर्स ने क्रांजी वॉर मेमोरियल पर श्रद्धांजलि समारोह में भाग लिया। यहां उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी व नमन किया।

दोनों नौसेनाओं के बीच पेशेवर आदान-प्रदान के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इनमें क्रॉस-डेक विजिटर्स, विषय विशेषज्ञ वार्तालाप तथा मैत्रीपूर्ण खेल आयोजनों के माध्यम से परस्पर समझ और सहयोग को और अधिक मजबूत किया गया। आईएनएस शक्ति पर आयोजित डेक रिसेप्शन में रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी के अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों, राजनयिक समुदाय के सदस्यों तथा प्रवासी भारतीयों ने भाग लिया।

नौसेना का मानना है कि इस आयोजन ने समुद्री साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यह बंदरगाह यात्रा ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर)’ के दृष्टिकोण के अनुरूप भारतीय नौसेना की क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा और समुद्री सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

 

 

 

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