नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई को लेकर सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट संदेश दिया है। भारत सरकार का कहना है कि हमने आतंकियों को मारकर वही किया जो खुद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कहता है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के हालिया बयान के अनुरूप था, जिसमें इस अत्यधिक बर्बर हमले के अपराधियों और उनके समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए कठोर जवाबी कार्रवाई में मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं। भारत की नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली, संतुलित और जिम्मेदाराना कार्रवाई 25 मिनट तक चली। भारत ने प्रमुख वैश्विक शक्तियों को ऑपरेशन सिंदूर के कारणों से अवगत कराया।
भारत ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल न्याय सुनिश्चित करने के लिए की गई, बल्कि पाकिस्तान-आधारित आतंकी मॉड्यूल्स द्वारा भविष्य में भारत में हमलों को रोकने के उद्देश्य से भी की गई है। इससे पहले विदेश सचिव मिस्री ने भारत की सैन्य कार्रवाई को गैर-उकसावे वाली, जिम्मेदार, संतुलित और अनुपातिक बताया था। उन्होंने कहा कि भारत के पास इस बात के ठोस प्रमाण हैं कि पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था, जिसमें आतंकी समूहों की संचार प्रणाली भी शामिल है, जो पाकिस्तान के भीतर और उससे जुड़ी थी। विदेश सचिव ने कहा, भारत ने यह कार्रवाई न केवल जवाब देने के लिए, बल्कि आगे ऐसी घटनाओं को रोकने और सीमापार से आने वाले आतंकियों को रोकने के लिए भी की। हमारा लक्ष्य था पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचे को खत्म करना और उन आतंकियों को निष्क्रिय करना, जिन्हें भारत भेजा जाना था। भारत सरकार का मानना है कि इस हमले का उद्देश्य कश्मीर में लौट रही सामान्य स्थिति और पर्यटन को बाधित करना था, ताकि क्षेत्र के विकास में रुकावट डाली जा सके और आतंक के लिए उपजाऊ जमीन बनाई जा सके। मिस्री ने कहा, हमले का तरीका ऐसा था जिससे देश में साम्प्रदायिक तनाव भड़काया जा सके, लेकिन सरकार और देश की जनता ने मिलकर इन मंसूबों को नाकाम कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि भारत ने विभिन्न देशों को यह भी बताया कि यदि पाकिस्तान तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ाता है तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा। ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए सैन्य हमलों के कुछ घंटों बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी, जापान, फ्रांस और स्पेन के अपने समकक्षों से बात की और उन्हें पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस और सऊदी अरब के अपने समकक्षों से बात की। डोभाल ने इन देशों के अपने समकक्षों से कहा कि भारत का तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो वह दृढ़ता से जवाब देने के लिए तैयार है।