India Denmark Consultation : भारत-डेनमार्क के 8वें दौर की विदेश कार्यालय परामर्श बैठक संपन्न, व्यापार और निवेश पर हुई चर्चा

भारत-डेनमार्क विदेश परामर्श में मजबूत साझेदारी पर जोर
एमईए: भारत-डेनमार्क के 8वें दौर की विदेश कार्यालय परामर्श बैठक संपन्न, व्यापार और निवेश पर हुई चर्चा

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को भारत-डेनमार्क के बीच विदेश कार्यालय परामर्श की आठवीं बैठक हुई।

इस दौरान भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज ने किया, जबकि डेनिश पक्ष का नेतृत्व डेनमार्क के विदेश नीति राज्य सचिव लोटे माचोन ने किया। बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

भारत-डेनमार्क विदेश कार्यालय परामर्श ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा और चर्चा का अवसर प्रदान किया। दोनों पक्षों ने भारत-डेनमार्क हरित रणनीतिक साझेदारी के तहत चल रहे सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।

दोनों पक्षों ने राजनीतिक जुड़ाव, व्यापार और निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, स्थिरता, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, जल, कृषि और पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण, अनुसंधान एवं विकास और गतिशीलता के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। वे रक्षा और सुरक्षा, नई और उभरती प्रौद्योगिकियों और आर्कटिक के क्षेत्रों में सहयोग के और अवसर तलाशने पर भी सहमत हुए। डेनमार्क पक्ष ने आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत के प्रति अपना समर्थन दोहराया।

दोनों पक्षों ने यूरोपीय संघ परिषद की डेनमार्क की वर्तमान अध्यक्षता के दौरान भारत-यूरोपीय संघ सामरिक साझेदारी के ढांचे के अंतर्गत सहयोग को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। डेनमार्क पक्ष ने एक महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्र संपन्न करने के लिए अपना समर्थन दोहराया। संयुक्त राष्ट्र और आर्कटिक सहित बहुपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा हुई। डेनमार्क साम्राज्य 2025-2026 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य और आर्कटिक परिषद का अध्यक्ष है। डेनमार्क पक्ष ने पुनर्गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन दोहराया।

दोनों पक्षों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने बहुपक्षीय जुड़ाव और वैश्विक चुनौतियों पर निरंतर संवाद के महत्व को रेखांकित किया।

दोनों पक्ष नियमित परामर्श जारी रखने और कोपेनहेगन में पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर विदेश कार्यालय परामर्श के अगले दौर का आयोजन करने पर सहमत हुए।

--आईएएनएस

 

 

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