कोलकाता: जोका स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान-कलकत्ता (आईआईएम-सी) के हॉस्टल में हुए कथित दुष्कर्म मामले में आरोपी छात्र को अलीपुर कोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट ने आरोपी को 50,000 रुपए के मुचलके पर अंतरिम जमानत दी है।
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जोका के छात्र परमानंद तोप्पावार को दुष्कर्म के आरोप में 11 जुलाई को हरीदेवपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने 19 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। हालांकि, पुलिस हिरासत पूरी होने के बाद उसे फिर से अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां सुनवाई के दौरान सरकारी वकील सौरिन घोषाल और बचाव पक्ष के वकील सुब्रत सरकार ने दलीलें रखीं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी को 50,000 रुपए के मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी।
अलीपुर कोर्ट ने आरोपी को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है। आरोपी को अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करना होगा। इसके अलावा, राज्य से बाहर जाने के लिए उसे कोर्ट की अनुमति लेनी होगी। जांच के लिए बुलाए जाने पर उसे उपस्थित होना होगा और जांच में पूरा सहयोग करना होगा।
साथ ही आरोपी को जांच अधिकारी के साथ नियमित संपर्क में रहना होगा। शिकायतकर्ता पर किसी भी प्रकार का प्रभाव डालने या प्रयास करने से पूरी तरह बचना होगा।
कोर्ट को बताया गया कि शिकायतकर्ता को कई बार पेश करने की कोशिश की गई, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुईं। तीन बार गुप्त गवाही के लिए समय तय होने के बावजूद उनकी अनुपस्थिति के कारण कोर्ट ने अंतरिम जमानत का फैसला सुनाया।
यह मामला अभी जांच के अधीन है, और कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आरोपी को जांच में पूरी तरह सहयोग करना होगा।
एक छात्रा ने आईआईएम कॉलेज के छात्र पर हॉस्टल में दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था।
पीड़िता ने अपने बयान में दावा किया, "आईआईएम-सी के सेकेंड ईयर छात्र ने शुक्रवार शाम उसे काउंसलिंग के बहाने बॉयज हॉस्टल बुलाया। वहां उसने पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक दी, जिनमें कथित रूप से नशीले पदार्थ मिले थे।"
पीड़िता का कहना है कि इनका सेवन करने के बाद वह बेहोश हो गई और इसी अवस्था में आरोपी ने कथित तौर पर उसके साथ दुष्कर्म किया।
जोका स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान-कलकत्ता (आईआईएम-सी) के हॉस्टल में हुए कथित दुष्कर्म मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। कोलकाता पुलिस ने 9 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाई है।
एसआईटी टीम में मेडिकल से जुड़े अलग-अलग विभागों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। राज्य पुलिस सूत्रों के अनुसार, एसआईटी की शुरुआती कोशिश पीड़िता और उसके पिता के विरोधाभासी बयानों के बीच सच्चाई स्पष्ट करने की होगी।