नई दिल्ली: महाराष्ट्र चुनावों से संबंधित सीएसडीएस अधिकारी की एक सोशल मीडिया पोस्ट पर राजनीति के बीच आईसीएसएसआर ने मामले में संज्ञान लिया है। इस मामले पर कई विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करते हुए इसी सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला दिया था, जिससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सार्वजनिक बहस छिड़ गई। फिलहाल, आईसीएसएसआर इस अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी में है।
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "आईसीएसएसआर, सीएसडीएस की ओर से डेटा में हेरफेर और भारत के चुनाव आयोग की पवित्रता को कम करने के इरादे से एक नैरेटिव गढ़ने के उसके प्रयास पर गंभीरता से संज्ञान लेता है। यह आईसीएसएसआर के अनुदान सहायता नियमों का घोर उल्लंघन है, और आईसीएसएसआर संस्थान को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा।"
पोस्ट में लिखा है, "संज्ञान में आया है कि आईसीएसएसआर के वित्त पोषित शोध संस्थान, सीएसडीएस में एक जिम्मेदार पद पर आसीन व्यक्ति ने मीडिया में बयान दिए थे, जिन्हें बाद में महाराष्ट्र में चुनावों से संबंधित डेटा विश्लेषण में गड़बड़ियों का हवाला देते हुए वापस लेना पड़ा। इसके अलावा, संस्थान ने भारत के चुनाव आयोग की ओर से एसआईआर प्रक्रिया की पक्षपातपूर्ण व्याख्या पर आधारित मीडिया में खबरें प्रकाशित की हैं।"
आईसीएसएसआर ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह भारतीय संविधान का सर्वोच्च सम्मान करता है। पोस्ट में लिखा, "भारत का चुनाव आयोग एक उच्च संवैधानिक निकाय है, जो दशकों से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा रहा है।"
हालांकि, सीएसडीएस अधिकारी संजय कुमार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट के लिए माफी मांगी थी। उन्होंने पुरानी पोस्ट को डिलीट करने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए पोस्ट के लिए मैं दिल से माफी चाहता हूं। 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय त्रुटि हुई। पंक्ति में दिए गए आंकड़ों को हमारी डेटा टीम ने गलत पढ़ा था। पोस्ट को अब हटा दिया गया है। मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।