होशियारपुर: दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में भेजे जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अब विरोध होने लगा है। पंजाब के होशियारपुर में एनिमल केयर सोसायटी से जुड़े लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में अगर कुत्तों को शिफ्ट किया जाएगा तो वे आपस में लड़-लड़कर मर भी सकते हैं।
एनिमल केयर सोसायटी के अध्यक्ष चांद कौशल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया है। मेरा मानना है कि यह फैसला प्रकृति के साथ खिलवाड़ है। अगर कुत्तों को शिफ्ट किया जाएगा तो वे आपस में लड़-लड़कर मर भी सकते हैं। साथ ही उन्हें गंभीर चोटें भी लग सकती हैं। मैं अपील करूंगा कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ न किया जाए, क्योंकि सभी को रहने का हक है।"
उन्होंने कहा, "सनातन धर्म में भी पशु सेवा पर भी जोर दिया गया है। मेरा कोर्ट से निवेदन है कि उनकी नसबंदी करके किसी एक जगह पर छोड़ दिए जाएं और उन्हें शेल्टर होम में न भेजा जाए।"
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि इस प्रक्रिया में किसी भी संगठन या व्यक्ति की ओर से बाधा डालने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले, वकील अभिषेक शर्मा ने रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय के परिसर में आवारा कुत्तों की मौजूदगी को लेकर चिंता जाहिर की थी।
सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक शर्मा ने रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में कहा, "यह अत्यंत चिंताजनक है कि सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आधिकारिक निर्देश में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया गया है। इसके बावजूद आवारा कुत्ते कोर्ट परिसर में ही खुलेआम घूमते रहते हैं। हाल ही में उनकी यात्रा के दौरान कोर्ट परिसर में आवारा कुत्तों का झुंड देखा गया, जिनकी तस्वीरें भी उन्होंने खींचीं।"
वकील अभिषेक शर्मा ने मांग की है कि कोर्ट परिसर से सभी आवारा कुत्तों को तुरंत आश्रय स्थलों में भेजा जाए।