मुंबई: महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद पर भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सोमवार को कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंग्रेजी भाषा पर कोई विवाद नहीं है, लेकिन हिंदी पर है।
सुधीर मुनगंटीवार ने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि हम हिंदी को देश में और राज्यों के बीच संचार के माध्यम के रूप में मानते हैं। महात्मा गांधी ने एक बार नहीं बल्कि लगभग 50 बार आग्रह किया था कि हिंदी को राष्ट्रभाषा माना जाना चाहिए। फिर हमें हिंदी का विरोध क्यों करना चाहिए। मराठी भाषा को दबाया नहीं जा रहा है। अगर बंद करना है तो सब मिलकर अंग्रेजी भाषा को बंद करें। उन्होंने विज्ञान के शब्दों को मराठी में विकसित करने के लिए विभाग बनाने की वकालत की।
उन्होंने कहा कि पांचवी से आगे की कक्षाओं में हिंदी अनिवार्य है। पहली से पांचवी के लिए क्या दिक्कत है, मुझे समझ में नहीं आता।
यह पूछे जाने पर कि क्या राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की ओर से हिंदी भाषा विवाद को बीएमसी चुनाव के मद्देनजर सोच-समझकर तूल दिया जा रहा है, भाजपा नेता ने कहा कि बीएमसी चुनाव में इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। मुझे लगता है कि उन्हें फायदे से ज्यादा नुकसान ही होगा।
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की ओर से दिलजीत दोसांझ का समर्थन करने पर सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि उनका यह बयान और स्टैंड जनता की भावनाओं के खिलाफ है। कुछ लोगों में जनता विरोधी रुख अपनाने की प्रवृत्ति होती है। शायद यही उनका 'कौशल' है। हम इस पर ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। देश की भावना के खिलाफ जाकर कुछ लोग प्रसिद्धि लेना चाहते हैं। लेकिन, जनता ऐसे लोगों को सबक जरूर सिखाती है।
नसीरुद्दीन शाह ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर दिलजीत का समर्थन किया और कला, सरहदों और रचनात्मक स्वतंत्रता को लेकर अपनी बात रखी। नसीरुद्दीन शाह ने लिखा, "मैं दिलजीत के साथ पूरी मजबूती से खड़ा हूं। जुमला पार्टी का 'डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट' बहुत समय से दिलजीत पर हमला करने का मौका ढूंढ रहा था। अब उन्हें लगता है कि आखिरकार वह मौका मिल गया है।''