देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत का कहना है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के हकदार हैं। वह जितनी मेहनत कर रहे हैं, उतनी मेहनत मैंने किसी भी राजनेता को करते नहीं देखा है।
देहरादून में आईएएनएस से बात करते हुए हरीश रावत ने कहा है कि इस समय देश के अंदर वह सिर्फ अपनी मेहनत के कारण पूरी सरकार को विचलित किए हुए हैं। सरकार के पास संसाधन, पुलिस, थाना सब कुछ है, लेकिन अकेले राहुल गांधी कुशलता के साथ उसका मुकाबला कर रहे हैं।
उत्तराखंड के चुनाव पर हरीश रावत ने कहा कि मेरे नाम पर कांग्रेस चुनाव लड़ने वाली है, ऐसा कोई बयान नहीं आया है, न ऐसी सोच है और न ही यह व्यवहारिक है। हम अपनी पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ेंगे। हम अपने प्लान के हिसाब से चुनाव लड़ेंगे।
क्या राहुल गांधी को अपना सलाहकार बदलना चाहिए? इस पर उन्होंने कहा कि योग्यता वाले लोग ही सलाहकार बनते हैं। इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। सलाहकारों की बातों को हम राहुल गांधी जितनी ही मान्यता देते हैं और देनी भी चाहिए। इसी से पार्टी और सिस्टम चलता है।
नक्सलियों पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। आतंकियों, उग्रवादियों का सबसे अधिक शिकार कांग्रेस का नेतृत्व है। गढ़चिरौली से लेकर सुकमा तक हमारे नेता मारे गए। नक्सलवाद का खात्मा राष्ट्रीय संकल्प है। हमारे समय में भी इस अभियान को शुरू किया गया था और आज भी मजबूती के साथ चलाया जा रहा है।
एमके स्टालिन द्वारा संस्कृत को लेकर दिए गए बयान पर हरीश रावत का कहना है कि मैंने उनका बयान सुना नहीं है। मैं तो मानवता की भाषा को समझता हूं। वे हमारे देश के वरिष्ठ नेता हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी इस देश की आत्मा हैं। वे हमारी धुरी हैं। गांधी हमारी स्मृति हैं।
--आईएएनएस
