Garud Shakti Exercise : हिमाचल प्रदेश में भारत-इंडोनेशिया संयुक्त विशेष बल अभ्यास 'गरुड़ शक्ति' जारी

भारत-इंडोनेशिया का गरुड़ शक्ति अभ्यास सैन्य समन्वय को मजबूत कर रहा है
हिमाचल प्रदेश में भारत-इंडोनेशिया संयुक्त विशेष बल अभ्यास 'गरुड़ शक्ति' जारी

नई दिल्ली: भारत-इंडोनेशिया संयुक्त विशेष बल अभ्यास 'गरुड़ शक्ति' का 10वां संस्करण हिमाचल प्रदेश के बकलोह स्थित विशेष बल प्रशिक्षण स्कूल में जारी है। यह अभ्यास 3 से 12 दिसंबर 2025 तक चलेगा।

भारतीय सेना की तरफ से सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए बताया गया कि भारत-इंडोनेशिया संयुक्त विशेष बल अभ्यास गरुड़ शक्ति का 10वां संस्करण बकलोह स्थित विशेष बल प्रशिक्षण स्कूल में चल रहा है।

इस अभ्यास का उद्देश्य अर्ध-पहाड़ी इलाकों में आतंकवाद-रोधी अभियानों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को सुगम बनाना है। मुख्य फोकस क्षेत्रों में हेलीबोर्न ऑपरेशन, लड़ाकू शूटिंग और ड्रोन तथा सी-यूएएस प्रणालियों का उपयोग शामिल है, जो भारत और इंडोनेशिया के बीच मजबूत रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा।

बता दें कि भारतीय सैन्‍य दल का प्रतिनिधित्व पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के सैनिक कर रहे हैं, जबकि इंडोनेशियाई सैन्‍य दल में इंडोनेशियाई विशेष बल के जवान शामिल हैं।

इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के विशेष बलों के बीच आपसी समझ, सहयोग और अंतरक्रियाशीलता को मजबूत करना है। इस अभ्‍यास में आतंकवाद-रोधी वातावरण में सैन्य-स्तरीय रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाएं शामिल हैं, जिनमें निहत्थे युद्ध तकनीकें, लड़ाकू गोलीबारी, स्नाइपिंग, हेलीबोर्न ऑपरेशन और अर्ध-पहाड़ी इलाकों में ड्रोन, काउंटर-यूएएस और लोइटर-म्यूनिशन हमलों की योजना बनाना शामिल है। इस प्रशिक्षण में हथियारों, उपकरणों और परिचालन प्रणाली पर विशेषज्ञता और जानकारी का आदान-प्रदान भी शामिल है।

शारीरिक फिटनेस, सामरिक अभ्यास और उच्च तीव्रता वाले युद्ध प्रशिक्षण पर जोर देने के लिए तैयार किया गया यह संयुक्त प्रशिक्षण, दोनों सैन्य दलों की सहनशक्ति, समन्वय और युद्ध तत्परता का परीक्षण करने के लिए वास्तविक दुनिया के परिचालन परिदृश्यों का अनुकरण करते हुए एक सत्यापन अभ्यास में परिणत होगा।

यह अभ्यास रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने तथा दोनों मित्र राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

--आईएएनएस

 

 

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