खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा में शंकर तालाब के पास गुरुवार सुबह नगर निगम की टीम के साथ मिलकर पुलिस अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची। अतिक्रमण की कार्रवाई के तहत अब तक 98 मकानों को ध्वस्त किया जा चुका है। कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं, जिनकी देखरेख में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी है।
वहीं, लोगों का दावा है कि वो यहां 45 सालों से रह रहे हैं और अब उन्हें जबरन अतिक्रमण की आड़ में हटाने की कोशिश की जा रही है।
निगम आयुक्त प्रियंका रजावत ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हम यहां अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंचे हैं। वैसे तो हमें 137 मकान को ध्वस्त करना था। लेकिन, 27 मकानों को हाईकोर्ट की तरफ से स्टे मिला हुआ है, जिसके बाद शेष मकानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि यहां पर तालाब है, तो ऐसी स्थिति में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यहां पर बारिश का पानी जमा हो। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद यहां पर गहरीकरण की कार्रवाई की जाएगी, ताकि ज्यादा मात्रा में पानी यहां पर जमा हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की पूरी रूपरेखा पिछले तीन-चार महीने से तैयार की जा रही थी। इस संबंध में हमने यहां रहने वाले लोगों को कई नोटिस भेजे थे, लेकिन किसी ने भी अपने मकान को खाली करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
इसके अलावा, निगम उपायुक्त आर सिटोले ने कहा कि तालाब पर 137 लोगों ने अतिक्रमण करके अपना मकान बना रखा था। जिसमें उच्च न्यायालय की तरफ से 27 लोगों को स्टे मिला है और 12 हाउस बोर्ड की तरफ से आवंटित किए गए मकान हैं। इन सभी को छोड़कर बाकी मकानों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हम पिछले तीन-चार महीने से यहां रहने वाले लोगों को नोटिस जारी करके कह रहे थे कि हम ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेंगे। कल भी हमने लोगों को अंतिम सूचना दी थी। इसके बावजूद भी बहुत ही कम लोगों ने यहां से जाने में दिलचस्पी दिखाई। लोगों को वैकल्पिक आवास भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। इसमें कुल खर्च 1 लाख 25 हजार का आएगा। शुरुआत में 25 लाख रुपये का खर्च आएगा।