पटना: संसद का शीतकालीन सत्र में मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के बीच मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर भी बहस हो सकती है। जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने विपक्ष को चर्चा के दौरान सकारात्मक भूमिका निभाने की नसीहत दी। इस दौरान उन्होंने एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "कई बार बेवजह आरोप-प्रत्यारोप हुए हैं, फिर भी चुनावी सुधारों की प्रक्रिया जारी रही है। हालांकि इस महत्वपूर्ण सत्र को हंगामे से पटरी से नहीं उतरना चाहिए। विपक्ष को सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। देश के 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर अभियान चल रहा है। दूसरे विचार भी सामने आ सकते हैं और उनका स्वागत किया जाना चाहिए।"
इंडिगो फ्लाइट में देरी और कैंसिलेशन पर जदयू प्रवक्ता ने कहा, "नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी निर्देश जारी किए हैं, और कल केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि कोई भी कार्रवाई एक मिसाल बनेगी, जिससे निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। भारत में हवाई यात्रियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी को देखते हुए भारत सरकार पांच नई एयरलाइंस शुरू करने पर भी विचार कर रही है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।"
उन्होंने संविधान पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के हालिया बयान पर कहा, "ओवैसी जैसे लोग कुछ मायनों में जिन्ना के रास्ते पर चल रहे हैं। राजीव रंजन ने कहा कि अलग-अलग धर्मों के मानने वालों के बीच बंटवारे की दीवारें बनाकर वे उन लाखों भारतीयों के दिलों में जगह बनाने की उम्मीद नहीं कर सकते जो भारत की संस्कृति से प्यार करते हैं। ओवैसी जैसे नेताओं को आने वाले सालों में भुला दिया जाएगा। भारतीय लोगों की सोच और चेतना में ऐसे नेताओं के लिए कोई जगह नहीं है।"
दरअसल लोकसभा में चर्चा के दौरान ओवैसी ने कहा था कि किसी नागरिक को वंदे मातरम गाने या किसी देवता/धार्मिक प्रतीक की पूजा करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। देश का संविधान हर नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता और समान अधिकार देता है। देशभक्ति को किसी धर्म या धार्मिक प्रतीक से जोड़ना सही नहीं है।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने संसद में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के अवसर पर हो रही विशेष चर्चा पर कहा, "यह सच में गर्व की बात है कि 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने के मौके पर लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने दस घंटे की चर्चा में अपने विचार रखे। यह साफ है कि यह रचना उन बहादुर क्रांतिकारियों के बलिदान, समर्पण और भक्ति का सम्मान करती है, जिन्होंने भारत माता को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने के लिए लड़ाई लड़ी।"
--आईएएनएस
