श्रीनगर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के श्रीनगर जोनल ऑफिस ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले स्थित कंगन में कई स्थानों पर रेड मारी। ये तलाशी अभियान जम्मू एंड कश्मीर बैंक लिमिटेड के कर्मचारी शाहनवाज अहमद शाह और अन्य द्वारा साइबर धोखाधड़ी के मामले में किए गए थे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फिरदौस अहमद डार नामक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर बीएनएस की धारा 318(4) (आईपीसी, 1860 की धारा 420 के परिसीमन) के तहत अपराध करने के लिए एफआईआर दर्ज की। इसके आधार पर ईडी ने जांच शुरू की। डार ने आरोप लगाया कि जम्मू एंड कश्मीर बैंक कंगन के एक प्रोबेशनरी अधिकारी शाहनवाज अहमद शाह और आमिर बशीर ने उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से उच्च रिटर्न का वादा करने वाली एक वित्तीय योजना में निवेश करने के लिए धोखा दिया।
डार ने शाह के साथ अपनी व्यक्तिगत और बैंकिंग जानकारी साझा की, जिसने फिर उसके खाते का इस्तेमाल संदिग्ध लेनदेन के लिए किया। शाह ने कथित तौर पर डार को रुपए ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया। उसने अपने पिता गुलाम नबी शाह के खाते में 5 लाख रुपए जमा किए, तुरंत रिटर्न का वादा किया, लेकिन ऐसा नहीं किया।
यह भी पता चला कि इस धोखाधड़ी में शाह की बहन रुमैसा और उनके मंगेतर डॉ. आमिर भी स्थानीय लोगों को गारंटीड रिटर्न का वादा करके लुभाने में शामिल थे। उन पर इस अवैध गतिविधि से करोड़ों रुपए कमाने का आरोप है।
ईसीआईआर दर्ज करने के बाद ईडी ने उपरोक्त व्यक्तियों के बैंक खातों की जांच की, जिसमें कुल 53 करोड़ रुपए जमा होने का पता चला। हालांकि, उन खातों में कोई बड़ी राशि नहीं बची थी, इसलिए अपराध की आय का पता लगाने के लिए ईडी ने तलाशी ली और बिनेंस के साथ कुछ यूएसडीटी ट्रेडिंग खातों, अचल और चल संपत्तियों से संबंधित जानकारी और दस्तावेज बरामद किए और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए, जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी करने के लिए किए जाने का संदेह है।