चित्रदुर्ग : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह चित्रदुर्ग जिले और बेंगलुरु के कई स्थानों पर कांग्रेस विधायक के. सी. वीरेंद्र और उनके भाइयों के घरों पर छापे मारे।
सूत्रों के मुताबिक, विधायक वीरेंद्र और उनके बड़े भाई के.सी. नागराजा व के.सी. टिप्पेस्वामी के चल्लकेरे शहर स्थित घरों सहित चार से ज्यादा जगहों पर तलाशी ली गई।
उनके रिश्तेदार होसामने स्वामी की संपत्तियों पर भी छापेमारी की गई।
बेंगलुरु के सहकारनगर इलाके में स्थित वीरेंद्र के घर पर और वीरशैव एसोसिएशन के सचिव प्रसन्ना कुमार के घर पर भी छापा मारा।
सूत्रों के अनुसार, विधायक वीरेंद्र इस समय एक व्यावसायिक दौरे पर राज्य से बाहर हैं।
दिल्ली से आई ईडी की एक टीम ने सुबह-सुबह निजी वाहनों से छापेमारी शुरू की। फिलहाल आगे की जानकारी का इंतजार है।
गौरतलब है कि 2016 में विधायक वीरेंद्र, जो उस वक्त जेडी(एस) पार्टी में थे, को तब गिरफ्तार किया गया था जब आयकर विभाग ने उनके बाथरूम में बने एक गुप्त कक्ष से 5.70 करोड़ रुपये की नई करंसी बरामद की थी।
अधिकारियों को चल्लकेरे कस्बे में विधायक के घर से बाथरूम की टाइलों के पीछे छिपाकर रखे गए 32 किलो सोने के बिस्कुट और आभूषण मिले थे। इसके अलावा, 90 लाख रुपये के पुराने नोट भी बरामद हुए थे।
इस मामले में वीरेंद्र के अलावा, चित्रदुर्ग के दो बिचौलियों और चार बैंकों के कुछ अज्ञात अधिकारियों के नाम भी एफआईआर में दर्ज किए गए हैं।
बाद में, सीबीआई की जांच में पता चला कि विधायक वीरेंद्र और कुछ बैंक अधिकारियों ने 2016 में बंद हो चुके 5.76 करोड़ रुपये के नोटों को 2,000 और 500 रुपये के नए नोटों में बदलने की आपराधिक साजिश रची थी।
सीबीआई के आरोपपत्र में कहा गया है कि बैंक अधिकारियों ने रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की और कई लोगों के नाम पर फर्जी पहचान और पते के दस्तावेज बनाए ताकि यह दिखा सकें कि पैसे का लेन-देन एटीएम काउंटरों के जरिए हुआ था।