नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग बिहार के बाद 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) करा रहा है। यह एसआईआर का द्वित्तीय चरण है। निर्वाचन आयोग ने इस क्रम में शनिवार को एसआईआर की प्रोग्रेस रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में बताया गया कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 98.98 प्रतिशत गणना फॉर्म (ईएफ) वितरित किए गए हैं।
निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रव्यापी ईएफ वितरण 98.98 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलने वाले चल रहे गणना चरण के दौरान पात्र 50.97 करोड़ मतदाताओं में से कुल 50.45 करोड़ ईएफ वितरित किए जा चुके हैं।
हालांकि, डिजिटलीकरण अभी भी वितरण से पीछे है; अब तक 17.05 करोड़ फॉर्म डिजिटल किए जा चुके हैं, जो कुल डिजिटलीकरण दर 33.45 प्रतिशत है।
गोवा और लक्षद्वीप में ईएफ का वितरण पूर्णतः 100 प्रतिशत दर्ज किया गया है, इसके बाद अंडमान और निकोबार में 99.98 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 99.81 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 99.74 प्रतिशत और गुजरात में 99.65 प्रतिशत है।
मतदाता संख्या के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने 99.58 प्रतिशत वितरण हासिल किया है, जिसमें 15.37 करोड़ से अधिक मतदाता शामिल हैं।
पुडुचेरी (95.15 प्रतिशत), तमिलनाडु (95.78 प्रतिशत), और केरल (97.15 प्रतिशत) में सबसे कम ईएफ वितरण दर्ज किया गया।
डिजिटलीकरण के मामले में लक्षद्वीप 77.30 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है, उसके बाद गोवा (65.39 प्रतिशत) और राजस्थान (60.54 प्रतिशत) हैं।
केरल में डिजिटलीकरण की प्रगति सबसे कम (केवल 10.58 प्रतिशत) दर्ज की गई है, उसके बाद उत्तर प्रदेश (14.12 प्रतिशत) है।
चुनाव आयोग ने कहा कि मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से सत्यापन और डिजिटलीकरण में तेजी लाने के लिए अधिक बूथ स्तरीय एजेंट नियुक्त करने का आग्रह किया गया है।
चुनाव आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि राजस्थान के आंकड़ों में अंता विधानसभा क्षेत्र शामिल नहीं है, जहां उपचुनाव के कारण संशोधन स्थगित कर दिया गया था।
चुनाव आयोग 4 दिसंबर की समय सीमा के करीब आने पर निर्धारित बुलेटिन जारी करना जारी रखेगा।
--आईएएनएस
