Election Commission Fact Check: चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के दावे को बताया झूठा और भ्रामक

ईसीआई ने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ दावे को बताया झूठा
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के दावे को बताया झूठा और भ्रामक

नई दिल्ली: लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से लगातार चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने फैक्ट चेक के जरिए उनके दावे को झूठा और भ्रामक बताया।

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के बयान पर फैक्ट चेक कर कहा कि ये दावे झूठे और भ्रामक हैं। मतदाता सूचियां कानून के अनुसार तैयार की जाती हैं। मतदाता सूची में कोई भी सुधार कानून में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जा सकता है। कानून में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना कोई भी आपको अंतिम मतदाता सूची से आपका नाम हटाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा कि ईआरओ प्रिंट, टीवी या सोशल मीडिया पर आधारित कुछ मामलों की स्वतः संज्ञान लेकर जांच कर सकता है, लेकिन वह केवल प्रिंट, टीवी या सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर हजारों नोटिस जारी नहीं कर सकता, जिससे बिना किसी ठोस सबूत के हजारों योग्य मतदाताओं को परेशान किया जा सकता है।

चुनाव आयोग ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति, जो आपके विधानसभा क्षेत्र का मतदाता नहीं है, आपके नाम को गलत तरीके से शामिल किए जाने का आरोप लगाता है, तो वह 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत ईआरओ से हस्ताक्षरित घोषणा या शपथ पत्र के साथ अपनी समस्या साझा कर सकता है। चुनाव आयोग प्रत्येक योग्य मतदाता के साथ था, है और हमेशा खड़ा रहेगा।

इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि वोट चोरी ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए साफ-सुथरी मतदाता सूची अनिवार्य है। चुनाव आयोग से हमारी मांग साफ है कि पारदर्शिता दिखाएं और डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करें, ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका खुद ऑडिट कर सकें। ये लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा की है।

 

 

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