Dwarka Car Jacking : द्वारका पुलिस ने 6 घंटे में सुलझाया कार जैकिंग केस, 4 नाबालिगों को पकड़ा

सिर्फ 6 घंटे में द्वारका पुलिस ने कार लूट का राज खोला, 4 नाबालिग पकड़े गए
द्वारका पुलिस ने 6 घंटे में सुलझाया कार जैकिंग केस, 4 नाबालिगों को पकड़ा

नई दिल्ली: द्वारका जिला पुलिस ने महज 6 घंटे के भीतर कार जैकिंग की वारदात का पर्दाफाश करते हुए 4 नाबालिगों को पकड़ा। सभी नाबालिग कुख्यात अमन उर्फ राज्जी गैंग से जुड़े बताए जा रहे हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से लूटी गई कार, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, पर्स और अन्य सामान बरामद कर लिया है।

दरअसल, 11 सितंबर की रात करीब 9:58 बजे द्वारका साउथ थाना क्षेत्र में एक कैब ड्राइवर ने पीसीआर कॉल कर कार लूट की सूचना दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे एक बुकिंग मिली थी, जिसके तहत चार लड़के उसकी सफेद रंग की कार में सवार हुए और कालकाजी जाने के लिए कहा। इसके बाद सेक्टर-7 द्वारका के सिद्धार्थ कुंज अपार्टमेंट और भैंसवाला पार्क के बीच सुनसान जगह पर पहुंचकर आरोपियों ने ड्राइवर को जबरन कार से बाहर खींच लिया और गला दबाकर नीचे उतार दिया। इसके बाद सभी नाबालिग कार सहित मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और पर्स लेकर फरार हो गए।

इस मामले में एफआईआर संख्या 350/2025, धारा 309(4)/3(5) बीएनएस, थाना द्वारका साउथ में दर्ज की गई। सूचना मिलते ही एसएचओ द्वारका साउथ के नेतृत्व में पुलिस की कई टीमें गठित की गईं। इलाके की सघन तलाशी ली गई, सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और टोल प्लाजा को अलर्ट किया गया।

तकनीकी निगरानी और हेड कॉन्स्टेबल प्रवीण यादव की गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने लूटी गई कार को सेक्टर-6 द्वारका स्थित अनुसंधान अपार्टमेंट के पास ट्रेस किया। यहां पुलिस टीम ने घेराबंदी कर कार में बैठे चारों नाबालिग आरोपियों को पकड़ लिया।

पुलिस टीम में एसआई अभिषेक राणा, एएसआई महावीर, एचसी प्रवीण यादव, एचसी सुधीर, एचसी मनोज, एचसी सुरेंद्र और एचसी दिलबाग शामिल थे। यह कार्रवाई एसएचओ द्वारका साउथ राजेश कुमार साह के नेतृत्व और एसीपी द्वारका किशोर कुमार रेवाला की देखरेख में की गई।

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वारदात के बाद वे शास्त्री पार्क अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने गए और फिर कालका माता मंदिर आशीर्वाद लेने पहुंचे। इसके बाद कार के अंदर से एक वीडियो बनाया, जिसमें कहते हुए नजर आए, "ये देखो, ये हमारे भाइयों ने, अपने सारे भाइयों ने ये गाड़ी लूट ली है।"

पुलिस के मुताबिक, आरोपी यह वीडियो अपने गैंग सर्कल में वायरल कर 'फेमस' होना चाहते थे। वे खुद को अमन उर्फ राज्जी गैंग का सदस्य बताते हैं। राज्जी पर आरोप है कि वह अपने प्रतिद्वंद्वियों पर फायरिंग कर वीडियो बनाकर वायरल करता रहा है।

 

 

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