Vikas Lagarpuriya Case : गैंगस्टर विकास लगरपुरिया और धीरपाल मकोका कानून के तहत दोषी, कोर्ट ने जेल सुपरिंटेंडेंट से मांगी व्यवहार की रिपोर्ट

द्वारका कोर्ट ने विकास लगरपुरिया को मकोका में दोषी ठहराया, सजा 13 दिसंबर को
दिल्ली: गैंगस्टर विकास लगरपुरिया और धीरपाल मकोका कानून के तहत दोषी, कोर्ट ने जेल सुपरिंटेंडेंट से मांगी व्यवहार की रिपोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने हरियाणा के गैंगस्टर विकास लगरपुरिया और उसके साथी धीरजपाल उर्फ काना को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने दोनों को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून यानी मकोका की धारा-3 के तहत दोषी करार दिया है।

दोनों की सजा पर बहस 13 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने दोनों जेलों के सुपरिंटेंडेंट से दोषी बदमाशों के जेल में व्यवहार की रिपोर्ट भी मंगवाई है, ताकि सजा तय करते समय इसे ध्यान में रखा जा सके।

मामला दिल्ली के नजफगढ़ थाने में दर्ज एक पुराने केस से जुड़ा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवं विशेष मकोका न्यायाधीश वंदना जैन की अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद दोनों को मकोका की मुख्य धारा-3 (अपराध सिंडिकेट चलाने और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए ) में दोषी पाया, लेकिन धारा-4 यानी संगठित अपराध से कमाई गई बेनामी संपत्ति रखने के मामले में उन्हें बरी कर दिया।

गुरुवार को विकास लगरपुरिया मंडोली जेल से, जबकि धीरजपाल उर्फ काना रोहिणी जेल नंबर-10 से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। विकास लगरपुरिया हरियाणा के सोनीपत क्षेत्र का रहने वाला है और दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक गैंगस्टरों में गिना जाता है। उसके खिलाफ दिल्ली और हरियाणा में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, फिरौती, अपहरण सहित 24 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं।

साल 2021 में गुरुग्राम में कई करोड़ की लूट का वह मास्टरमाइंड बताया गया था। लंबे समय तक दुबई में छिपा रहा और वहीं से गैंग चलाता था। आखिरकार 2022 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उसे दुबई से गिरफ्तार कर भारत लाई थी।

उसका साथी धीरजपाल उर्फ काना भी मनोज मोरखेरी-लगरपुरिया गैंग का सक्रिय सदस्य है और दिल्ली के छावला डबल मर्डर केस समेत कई संगीन वारदातों में वांछित था। दोनों को मकोका में दोषी ठहराए जाने से यह पुलिस और अभियोजन की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

--आईएएनएस

 

 

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